गजेन्द्र इंगले
रतलाम: गैंग रेप के आरोपी ने बरी होने के बाद कोर्ट में 10 करोड़ के क्षतिपूर्ति का दावा लगाया है । मामला 2 साल पुराना है जब रतलाम के घोड़ाखेड़ा निवासी कांतिलाल सिंह उर्फ कांतु को गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाया गया था। जिला एवं सत्र न्यायालय रतलाम से इस केस में उसे अब दोषमुक्त कर दिया है। कांतु के अनुसार, बेगुनाह होते हुए भी उसे 2 साल तक जेल की प्रताड़ना सहना पड़ी। इसकी वजह से उसका परिवार सड़क पर आ गया। बच्चों के लिए खाने-पीने का इंतजाम नहीं कर पा रहा हूं। पुलिस ने मुझे जबरदस्ती झूठे केस में फंसा दिया। इस आरोप की वजह से 5 साल परेशान होता रहा । 3 साल उसे पुलिस परेशान करती रही और वह 2 साल जेल में रहा। कान्तु ने रतलाम के जिला न्यायालय में 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपए का क्षतिपूर्ति दावा लगाया गया है। मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस पर यह दावा आदिवासी व्यक्ति ने अपने वकील के जरिए लगाया।
कान्तु के वकील विजय सिंह यादव का कहना है कि मानव जीवन का कोई मूल्य तय नहीं किया जा सकता है। पुलिस और राज्य सरकार की वजह से कांतु का जीवन बर्बाद हो गया। उसे बेगुनाह होने के बावजूद 2 साल तक जेल की प्रताड़ना सहनी पड़ी। कांतु के परिवार में उसकी बुजुर्ग माँ मीरा, पत्नी लीला और 3 बच्चे हैं। सभी के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसी पर है। कांतु की लंबी हिरासत के कारण उसका परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई छूट गई। समाज में वापस जाने के लिए और रोजगार के लिए उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से दावा लगाया गया है। समाज को यह भी संदेश देना चाहते हैं कि महिलाएं अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें।