• मध्यप्रदेश का सबसे छोटा जिला, यहाँ नहीं टिकते आईएएस आईपीएस, जानिए क्यों...

    हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब कलेक्टर तरुण भटनागर को हटाया तो इस बात की चर्चा होने लगी कि यहां ज्यादातर अधिकारियों का यही हश्र होता है। क्योंकि तरुण भटनागर ऐसे पहले अधिकारी नहीं हैं, जिन्हें उनकी कार्यप्रणाली के चलते हटाया है।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus
    गजेन्द्र इंगले
     
    निवाड़ी/ भोपाल: 1 अक्टूबर 2018 को मध्यप्रदेश में एक ऐसा जिला अस्तित्व में आया जहां अधिकारी टिक ही नहीं पा रहे। यह जिला आईएएस आईपीएस के लिए अभिशाप बना हुआ है। इस जिले में ज्यादातर अधिकारी एक साल का समय भी नहीं काट पाए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब  कलेक्टर तरुण भटनागर को हटाया तो इस बात की चर्चा होने लगी कि यहां ज्यादातर अधिकारियों का यही हश्र होता है। क्योंकि तरुण भटनागर ऐसे पहले अधिकारी नहीं हैं, जिन्हें उनकी कार्यप्रणाली के चलते हटाया है। 
     
    यह जिला है निवाड़ी। जो 5 साल पहले ही अस्तित्व में आया। लेकिन इन 5 सालों में यहां पर अधिकारी लंबे समय नहीं टिक पाए। इसके पहले तत्कालीन एसपी वाहनी सिंह को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कुछ इसी तरह के आरोपों के चलते हटा दिया गया था। एसपी आलोक सिंह भी सत्तारूढ़ दल के नेताओं से एडजस्ट न कर पाने के चलते जिले में सिर्फ 6 माह का कार्यकाल ही पूरा कर पाए, इसके बाद उन्हें हटा दिया गया।
     
    यही हाल कलेक्टर आशीष भार्गव और शैलबाला अंजना मार्टिन का रहा। पांच सालों का ट्रैक रिकॉर्ड यही बता रहा है कि आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का अखाड़ा बने निवाड़ी में कोई अधिकारी लंबा वक्त नहीं बिता पाता है। ऐसे ही हाल यहां पर पदस्थ पुलिस अधीक्षकों के भी रहे हैं, वे भी यहां पर लंबे समय तक नहीं रह पाए।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें