इंदौर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ प्रचारक को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट करके ठगने की कोशिश की है। तीन अलग-अलग नंबरों से उनको काल करके आपराधिक मुकदमा कायम होने की बात कहते हुए कार्रवाई की धमकी दी। लेकिन प्रचारक उनकी धमकी में नहीं आए। उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ डिजिटल अरेस्ट का प्रयास
शांतिपथ निवासी संघ प्रचारक दौलतराम उर्फ सोहन जोशी ने एफआइआर दर्ज कराई है। दौलतराम ने पुलिस को बताया कि साइबर अपराधियों ने संघ प्रचारक देवेंद्र आर रेड्डी के मोबाइल पर कॉल करके उनको ठगने की कोशिश की। रेड्डी संघ कार्य से पूरे देश में भ्रमण करते हैं। घटना के वक्त वह इंदौर संघ कार्यालय पर मौजूद थे। साइबर अपराधियों ने स्वयं को महाराष्ट्र पुलिस से होने की बात करते हुए उनके संबंध में जानकारी मांगी। उनसे कहा कि महाराष्ट्र में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो चुकी है। आरोपितों ने ट्राई का नाम लेते हुए यह भी कहा कि उन्होंने मोबाइल नंबर के लिए केवाईसी की जानकारी नहीं दी है।
ऐसे बचें डिजिटल अरेस्ट से
जिस तरह से आरएसएस प्रचारक रेड्डी ने सूझबूझ का परिचय दिया इस तरह से कोई भी आम आदमी इस तरह के साइबर्थों की बातों में ना आकर डिजिटल अरेस्ट होने से बच सकता है आपने देखा कि संघ प्रचारक रेड्डी तो की धमकी यह बातों में नहीं आए वह डरे नहीं बल्कि उन्होंने ज्यादातर मामलों में यही होता है कि जब साइबर्ट है डिजिटल अरेस्ट कर तरह-तरह की धमकी देते हैं दर बताते हैं तो आम आदमी डर जाता है और उनका डर ही उनकी ठगी का कारण होता है। आजकल डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठरकी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं ऐसा कोई भी फोन कॉल आने पर आम आदमी को हिम्मत नहीं होनी चाहिए और में नहीं आना चाहिए बल्कि हर आम आदमी को दो नंबर जो नंबर आपका सार्वजनिक होता है वही ठगों तक पहुंचता है। साइबर ठग द्वारा कॉल आने पर धमकी दिए जाने पर यदि आप अपना वह नंबर कुछ दिनों के लिए बंद कर दें तो आप साइबर ठगी से बच सकते हैं और ऐसी स्थिति में आप अपने अल्टरनेट नंबर का प्रयोग अपने परिवार और निजी लोगों से संपर्क के लिए कर सकते हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसी साइबर ठगी से बचने का एकमात्र तरीका आपकी सूझबूझ है।