ग्वालियर: क्या कोई नजदीकी रिश्तेदार पैसे के लालच में अपने ही सगे संबंधी की सिर्फ इसलिए हत्या कर सकता है कि उसे बीमा की राशि मिल जाए। ऐसी कहानियां तो आपने फ़िल्मों मे ही देखी होगी । लेकिन ग्वालियर में एक ऐसी ही घटना का खुलासा हुआ है जिसमें एक व्यक्ति को उसके ही ममेरे भाई ने बीमा राशि की लालच में अपने साथियों की मदद से मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश को ग्रामीण इलाके में फेंक दिया।
मृतक जगदीश जाटव की लाश 19 अक्टूबर को जिले के आंतरी थाना क्षेत्र के सांतऊ इलाके में पुलिस ने बरामद की थी ।पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन जांच पड़ताल में मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरों में जब आरोपियों की खोजबीन शुरू हुई तो मृतक जगदीश जाटव के ममेरे भाई अरविंद उर्फ अशोक जाटव को गिरफ्तार किया। उसके साथ में सहयोगी रहे अमर सिंह जाटव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मृतक के मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी।
खास बात यह है कि ममेरा भाई हत्या के बाद मुंबई भाग गया था। पुलिस पार्टी उसकी तलाश में मुंबई भी गई लेकिन वह पुलिस पार्टी को नहीं मिला। गत रोज उसे डबरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है ।खास बात यह है कि अविवाहित जगदीश जाटव की हत्या की प्लानिंग बड़ी साजिश के साथ की गई थी। पहले जगदीश जाटव को एक कार फाइनेंस कराई गई जहां उसका खुद का 40 लाख का बीमा कराया गया। एक करोड़ का बीमा रिलायंस कंपनी से कराया गया जबकि 50 लाख का बीमा एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस से जगदीश का कराया गया था।
पुलिस का दिमाग इसीलिए सन्न रह गया था कि मजदूरी से जुड़े जगदीश जाटव का लगभग 2 करोड़ का बीमा आखिर किस वजह से कराया गया है। मृतक के आगे पीछे कोई था नहीं इसलिए ममेरे भाई अरविंद उर्फ अशोक जाटव को उम्मीद थी कि उसे अपने भाई की मौत के बाद एक करोड़ 90 लाख रुपए बीमा के रूप में मिलेंगे। लेकिन विवेचना में जब शक की सुई अशोक उर्फ अरविंद के ऊपर जाकर ठहरी और उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तब उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इस हत्याकांड में शामिल रहे अमर सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को न्यायालय में पेश कर उनका रिमांड लिया है जहां उनसे अभी पूछताछ की जाएगी।