'वन नेशन-वन इलेक्शन' की मांग के लिए जंतर-मंतर पर कार्यक्रम, बॉक्सर विजेंदर सिंह ने किया समर्थन

'वन नेशन-वन इलेक्शन' की मांग को लेकर देश भर से सैकड़ों युवा आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकत्र हुए

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वन नेशन-वन इलेक्शन की मांग के लिए जंतर-मंतर पर कार्यक्रम बॉक्सर विजेंदर सिंह ने किया समर्थन
File Photo
एजेंसी
Updated on : 2025-03-27 04:41:00

नई दिल्ली। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की मांग को लेकर देश भर से सैकड़ों युवा आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकत्र हुए। 'संविधान समर्थन टीम' द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों और युवाओं ने देश भर में एक साथ सभी चुनाव कराए जाने के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए।

इस प्रस्ताव का लक्ष्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है, ताकि बार-बार होने वाले चुनावी खर्च और प्रशासनिक व्यवधानों को कम किया जा सके।

कार्यक्रम में ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंदर सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, "दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों की यह मुहिम सराहनीय है। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' से देश को फायदा होगा और मैं उनका समर्थन करने के लिए यहां आया हूं। सरकार का असली लक्ष्य देश के विकास पर ध्यान देना होना चाहिए, न कि बार-बार सांसदों, विधायकों, पंचायतों या नगरपालिकाओं के लिए चुनाव कराना।"

अभिनेता वरुण शर्मा ने भी इस पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण पहल है। सभी को इसके पक्ष और विपक्ष दोनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और इसके बारे में जितना संभव हो उतना ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।"

प्रदर्शन में शामिल एक सहभागी ने कहा, "देश की नींव चुनाव प्रणाली है और लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सशक्त चुनाव प्रणाली जरूरी है। पांच साल में विभिन्न राज्यों में छह-सात बार चुनाव होते हैं। हर बार विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होती है, जो विकास की गति को रोकती है। अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव हों, तो ये बार-बार के अवरोध खत्म हो सकते हैं।"

एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, " 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा। बार-बार चुनावों से व्यवधान होते हैं, और इस प्रणाली से हम उन्हें बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।"

कार्यक्रम के दौरान युवा कलाकारों के एक समूह ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" के समर्थन में जंतर-मंतर पर पेंटिंग भी बनाई। यह प्रदर्शन इससे संबंधित विधेयक संसद में पेश किया जा चुका है और इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है।

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