बेलगावी की घटना पर कन्नड़ समर्थक समूहों ने बंद का किया आह्वान

कर्नाटक में सरकारी बस के कंडक्टर पर पिछले महीने बेलगावी में हुए कथित हमले के विरोध में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने 22 मार्च को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है

facebook
twitter
whatsapp
बेलगावी की घटना पर कन्नड़ समर्थक समूहों ने बंद का  किया आह्वान
file photo
एजेंसी
Updated on : 2025-03-21 15:18:28

बेंगलुरु। कर्नाटक में सरकारी बस के कंडक्टर पर पिछले महीने बेलगावी में हुए कथित हमले के विरोध में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने 22 मार्च को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।

रिपोर्ट के अनुसार कंडक्टर पर मराठी न जानने के कारण हमला किया गया, जिससे कन्नड़ कार्यकर्ताओं में व्यापक आक्रोश फैल गया। हालांकि, कर्नाटक सरकार ने बंद का विरोध किया है और आयोजकों से छात्रों और आम जनता के हित में बंद पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि बंद आवश्यक नहीं है और इसके बजाय बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।कल विधान परिषद में शिवकुमार ने विपक्ष के नेता चालावाड़ी नारायणस्वामी द्वारा बंद के प्रभाव के बारे में उठाई गई चिंताओं का जवाब दिया था, विशेष रूप से उसी दिन अपनी बोर्ड परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले एसएसएलसी (कक्षा 10) के छात्रों पर।

उन्होंने कहा,“ इस समय बंद अनावश्यक है। बंद का आह्वान करने के बजाय उन्हें सरकार के साथ अपनी शिकायतों पर चर्चा करनी चाहिए थी। इस कदम से छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, और हमने 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाए जाने वाले कावेरी आरती के साथ एक महीने तक चलने वाले जल संरक्षण अभियान की भी योजना बनाई है।”

उप मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सामान्य जीवन को बाधित करना कोई समाधान नहीं है।उन्होंने कहा “ हम बंद को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। अदालतें भी इस तरह के बंद का समर्थन नहीं करती हैं, चाहे वह राजनीतिक हो या अन्यथा।”उन्होंने आश्वासन दिया कि अधिकारी कन्नड़ संगठनों के साथ चर्चा करेंगे ताकि उन्हें बंद के साथ आगे बढ़ने से रोका जा सके।उन्होंने जोर देकर कहा,“ हम उन्हें समझाएंगे कि यह सही कदम नहीं है, क्योंकि इससे उन छात्रों पर असर पड़ेगा जिनकी परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। वे कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते।”

इस बीच, कन्नड़ ओक्कुटा नेता वटल नागराज ने दावा किया है कि बंद को व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है, हालांकि कुछ संगठनों की भागीदारी को लेकर चिंता बनी हुई है। सरकार अब व्यवधानों को रोकने के लिए बातचीत पर ध्यान केंद्रित कर रही है तथा यह सुनिश्चित कर रही है कि 22 मार्च को छात्र और सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो।

संबंधित समाचार :