बिहार विधानमंडल में विपक्ष का हंगामा, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा

दो दिनों के अवकाश के बाद बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को फिर से शुरू हो गया। विपक्ष का तेवर बजट सत्र के 17वें दिन भी ठंडा नहीं पड़ा है। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों विधानसभा और विधानमंडल के बाहर प्रदर्शन किया

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बिहार विधानमंडल में विपक्ष का हंगामा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा
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एजेंसी
Updated on : 2025-03-24 13:40:49

पटना। दो दिनों के अवकाश के बाद बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को फिर से शुरू हो गया। विपक्ष का तेवर बजट सत्र के 17वें दिन भी ठंडा नहीं पड़ा है। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों विधानसभा और विधानमंडल के बाहर प्रदर्शन किया।

भाकपा माले के विधायकों ने जहां बागमती और महानंदा परियोजना को लेकर सरकार को घेरा, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और विधान पार्षद राबड़ी देवी ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। विधानमंडल की कार्यवाही शुरू होने के पहले विधान पार्षदों ने जमकर प्रदर्शन किया।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ती जा रही है। दिनदहाड़े डॉक्टर की उनके क्लीनिक में हत्या हो जाती है। लाठी-डंडे से लोगों की पीट-पीटकर हत्या की जा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सुशासन का राज है।

इधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विधानसभा परिसर में विपक्षी सदस्यों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को लेकर राजद विधायक अख्तरुल ईमान शाहीन ने कहा कि हम लोग 65 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार में महागठबंधन सरकार ने आरक्षण को बढ़ाया था। उस बढ़े हुए आरक्षण को केंद्र की मोदी सरकार ने नौवीं अनुसूची में नहीं डाला, इसके कारण इसे खत्म कर दिया गया। एनडीए आरक्षण चोर है। तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाया गया था, वह 35 साल से लागू है।

इस बीच, भाकपा माले के सदस्यों ने कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा कि बागमती परियोजना को लेकर हम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी तरह 1972 में शुरू महानंदा परियोजना के तहत जो बांध बनाया गया, वह महानंदा नदी से 10 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया, वह सफल नहीं हुआ। अब चार किलोमीटर की दूरी पर बांध बनाने की कोशिश हो रही है, यह हजारों करोड़ रुपये बंदरबांट करने की साजिश है। महानंदा परियोजना के तहत गांव उजड़ गए, ऐसे में ग्रामीणों के फ‍िर से बसाने की व्यवस्था की जाए।

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