• कुणाल घोष ने केंद्रीय बजट को जनविरोधी बताया, प्रतिभा सिंह और जगत सिंह नेगी ने कहा, 'हिमाचल प्रदेश को निराशा मिली'

    पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने कहा है कि केंद्रीय बजट 2025-26 पूरे देश की आबादी के हित में नहीं है

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    नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने कहा है कि केंद्रीय बजट 2025-26 पूरे देश की आबादी के हित में नहीं है। वहीं, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि इस बजट से हिमाचल प्रदेश को निराशा मिली है।

    कुणाल घोष ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय बजट पर टीएमसी का जो रुख और विश्लेषण है उसे डॉ. अमित मित्रा ने पहले ही आपके सामने पेश किया है। ये जनविरोधी, गरीब विरोधी, दिशाहीन बजट है। गरीब और मध्यम वर्ग, किसान, मजदूर, महिला और युवाओं के लिए कोई उम्मीद नहीं है। यह बजट पूरे देश की आबादी के हित में नहीं है। कुणाल घोष ने आगे कहा कि ये लोग इनकम टैक्स की बात कर रहे हैं। केवल आठ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं।

    वहीं, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय बजट को अपेक्षाओं के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि बजट राजनीतिक लाभ के मकसद से पेश किया गया है। हिमाचल को आपदा के विशेष राहत पैकेज की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई। बिहार और आंध्र प्रदेश में ही बजट में फोकस किया गया है। किसान आंदोलन कर रहे हैं और बजट से किसानों को उम्मीदें थीं, लेकिन बजट से निराशा ही मिली है।

    राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस बजट से देश और राज्य को निराशा मिली है। बजट में हिमाचल प्रदेश को हर बार की तरह इस बार भी कुछ नहीं मिला है। बजट में पहाड़ी राज्यों की उपेक्षा हुई है। केवल बिहार और आंध्र प्रदेश का बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। पांच ट्रिलियन इकोनॉमी की बात की जा रही है, लेकिन ये बजट देश को नीचे की तरफ ले जाएगा। कृषि क्षेत्र में कोई फोकस नहीं किया गया है। खाली राजनीतिक घोषणाएं हुई हैं।

    उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल में रेलवे, हवाई अड्डे बनाने को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ है। उद्योग, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स में भी कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में किसान, बेरोजगार, गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग के विकास के लिए कोई योजनाएं नहीं बनाई गई हैं। टैक्स स्लैब में मध्यम वर्ग को राहत दिल्ली के चुनावों के मद्देनजर दी गई है, जो अगले साल वापस ले ली जाएगी। दिल्ली में भाजपा चुनाव जीतना चाहती है, इसलिए टैक्स स्लैब में राहत देकर लोगों को गुमराह करने की केंद्रीय बजट में कोशिश की गई है। देश के वर्तमान और भविष्य के लिए बजट में कोई योजना नहीं है। बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।

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