बिलासपुर। गेट में झाडू लगाते कर्मचारी परिसर में बिखरी पड़ी निर्माण सामग्री टूट हुए झूले, औधे मुंह लुढ़के हुए डस्टबिन किनारे में गंदगी की भरमार, एक्सरसाइज के बिगड़े पड़े उपकरण यह नजारा था कंपनी गार्डन का है। यहां रोजाना सुबह-शाम सैकड़ों नागरिक सैर करने आते हैं जिन्हें इन अव्यवस्थाओं से दो-चार होना पड़ता है।
ये यहां शुद्ध हवा लेने की उम्मीद लेकर आते हैं। लेकिन मिलता हे प्रदूषित वातावरण। शहर के बीचों बीच सैर करने के लिए एक मात्र कंपनी गार्डन है। यहां रोजाना सुबह शहर के सैकड़ों लोग मार्निंग वॉक के लिए आते हैं, शाम को खुशनुमा माहौल का लुत्फ उठाने आते हैं।
लेकिन कुछ महीनों से कंपनी गार्डन की हालत बदत्तर हो गई है। कंपनी गार्डन के चारों ओर गंदगी और घास में कूड़ा फैला हुआ है। कई झूले टूटे हुए हैं तो कई झूलों की पटरियां गायब है। एक्सरसाइज उपकरणों की सेहत खराब है। कंपनी गार्डन में लोग सुबह से शुद्ध हवा के साथ अपनी सेहत बनाने आते हैं। लेकिन गार्डन की हालत देखकर लोगों के मन में उदासी छा जाती है।
यहां खेलने आए बच्चे और उनके माता पिता ये सोच कर आते हैं कि उनके बच्चों को गार्डन में खेलने की भरपूर जगह मिलेगी। शाम को ठंडी हवा के साथ झूलों का लुत्फ उठाने को मिलेगा पर यहां सीमित झूले हैं जिनमें से एक दो झूले तो गायब हैं। झूले इतने कमजोर हैं कि माता-पिता उसमें अपने बच्चों को झुलाने में सहम जाते हैं। ऐसे में गार्डन के होने का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।
बच्चे कहते हैं कि अब हमें नहीं आना। गार्डन की दुर्दशा देखकर बच्चों के चेहरों पर नाराजगी देखी गई। शाम को एक महिला अपनी पांच वर्षीय बच्चे के साथ गार्डन पहुंची थी। बच्चा झूल झुलने की जिद कर रहा था जब महिला बच्चे को झूल के पास लेकर गई तो वहां झूला टूटा मिला जिसे देखकर बच्चा रोने लगा और कहने लगा कि मां अब हमें इस गार्डन में नहीं आना है।
बच्चा तत्काल घर जाने के लिए जिद करने लगा। कंपनी गार्डन में कल से सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है। यहां के टूटे फूटे झूलों, डस्टबिन, एक्सरसाइज उपकरणों आदि के बदले नए सामान नजर आएंगे जब ये सारी चीजें बदल जाएंगी तब इसकी आभा देखते ही बनेगी। यह सैर करने वाले लोगों के चेहरों पर कंपनी गार्डन का नया कलेवर खुशियां बिखरेगा।