ग्वालियर। ग्वालियर एक ऐसा शहर यहां का सबसे बड़ा व्यापार जमीनों की खरीद ही है चाहे वह जमीन फिर कैसी भी हो उसको सेटिंग करके चांदी काटना यहां पर उन माफियाओं का अवैध व्यापार है जो मंत्रियों और अधिकारियों के गरीबी हैं इस संबंध का फायदा उठाकर ही भू माफिया सरकारी जमीन तक पर कब्जा कर कॉलोनी काट देते हैं और खुले आम धड़ले से यह काम चलता रहता है क्या आप यकी।।न करेंगे की खुलेआम बन रही ऐसी अवैध कॉलोनी हो कि जिम्मेदारों को भानक ना हो
ऐसा ही एक मामला है ग्वालियर के वार्ड 59 केदारपुर का जहां सर्वे क्रमांक 80 की सरकारी जमीन पर भू माफिया ने कब्जा कर कॉलोनी काट दी और जब इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई तो पहले तो शिकायत को तक रखा गया लेकिन जब शिकायतकर्ता मर्दन सिंह रावतअपनी शिकायत पर डाटा रहा तब कहीं जाकर पटवारी तहसीलदार ने मौके पर जाकर जांच की पटवारी ने जांच में जिक्र किया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है इसके बाद भी भूमिया को 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया लेकिन ना तो अतिक्रमण हटाए और ना ही भूमिया पर फिर की गई
इस मामले में देशबंधु संवाददाता ने जब तहसीलदार शत्रुहन सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने बताया कि भू माफिया पर जुर्माना लगाया गया है लेकिन जब उनसे कार्रवाई का पूछा गया तो वह एसडीम के छुट्टी पर होने का बहाना बना कार्रवाई करने से बसे नजर आए जबकि एसडीएम विनोद सिंह ने कहा की मामला मेरे संज्ञान में है तहसीलदार को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है की सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराए।
आपको बता दें कि वार्ड 59 के सर्वे क्रमांक 80 की यह शिकायत महीना पहले की गई थी जिसकी वास्तविकता भी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को अगस्त 2023 में मिल गई थी जिसका जिक्र सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के निराकरण में किया गया है जिसमें बताया गया है की ग्राम केदारपुर के सर्वे क्रमांक 80 पर शासकीय रोड डालकर रास्ता बनाकर वह पार्क बनाकर अतिक्रमण किया गया है अतिक्रमाकों के विरुद्ध तहसील न्यायालय व्रत महल गांव में प्रकरण क्रमांक 00002 /अ 68 / 23 24 दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है एवं अन आवेदक विनायक कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया है।
जांच रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों के पास है उन्हें पता है कि सर्वे क्रमांक 80 सरकारी भूमि है जिस पर भू माफिया ने कब्जा किया हुआ है इसके बावजूद भी जुर्माना लगाकर और नोटिस देकर प्रशासनिक अधिकारी खाना पूर्ति करके शांत बैठे हुए हैं ऐसा लगता है की कोई ना कोई वजह तो जरूर है की जिम्मेदार अधिकारी इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए वैधानिक कार्रवाई करने से बच रहे हैं। वैसे तो ग्वालियर में चारों और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है लेकिन जो मामला शहर का जिम्मेदार नागरिक संज्ञान मे ले आए उस पर तो त्वरित कार्यवाही कर प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के टैक्स से मिलने वाले वेतन का थोड़ा मान रख ही लेना चाहिए।