• आ गया कांग्रेस का सर्वे, कौन से विधायक मजबूत और किनका होगा पत्ता साफ, यहां पढ़ें...

    हर चुनाव से पहले कमलनाथ सर्वे कराते हैं, इसका फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। 2018 के चुनाव हो या नगरीय निकाय चुनाव, वहां भी सर्वे से कांग्रेस को सफलता मिली। इसलिए इस सर्वे को बहुत अहम माना जा रहा है।

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    गजेन्द्र इंगले
     
    भोपाल: विधानसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने प्रदेश की 230 सीटों पर दूसरा इंटरनल सर्वे करा लिया है। सर्वे की अंतिम रिपोर्ट फरवरी में आएगी। इसके मुताबिक कांग्रेस ने मौजूदा 95 विधायकों में 37 विधायक और 17 पूर्व मंत्रियों की ग्राउंड स्थिति मजबूत पाई है। इन्हें चुनावी तैयारी करने के लिए भी कह दिया गया है।
     
    सर्वे में 69 सीटों पर चुनाव से 6 महीने पहले कैंडिडेट घोषित करने की सिफारिश की गई है। ये वे सीटें हैं जहां पार्टी बहुत कमजोर नहीं है। प्रत्याशी को लंबा वक्त मिला तो वह अपने पक्ष में माहौल बनाने में कामयाब हो सकता है। इसलिए कांग्रेस इन सीटों पर 6 महीने पहले ही कैंडिडेट घोषित करने की योजना बना रही है।
     
    जहां भाजपा मजबूत स्थिति में है, वह कांग्रेस के लिए चुनौती है पर वहां बड़े नेताओं की जगह उनके बेटों को उतारा जाएं। पार्टी के इंटरनल सर्वे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने फिलहाल कोई कमेंट नहीं किया। बस इतना कहा- हमारा फोकस पिछले दो चुनाव में हारी सीटों पर जीत तय करना है। सर्वे में मौजूदा विधायकों में 54 की स्थिति बेहतर पाई है।
     
    शेष 41 सीटों पर पार्टी अगले कुछ महीनों में निर्णय लेने की स्थिति में होगी। चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखकर प्रदेश अध्यक्ष विधानसभावार जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराते हैं। जिलों के अध्यक्ष से लेकर ब्लॉक लेवल तक के पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाता है। हर चुनाव से पहले कमलनाथ सर्वे कराते हैं, इसका फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। 2018 के चुनाव हो या नगरीय निकाय चुनाव, वहां भी सर्वे से कांग्रेस को सफलता मिली। इसलिए इस सर्वे को बहुत अहम माना जा रहा है। 

    यह पूर्व मंत्री सर्वे में पास

    डॉ. गोविंद सिंह (लहार), विजय लक्ष्मी साधौ (महेश्वर), बाला बच्चन (राजपुर), कमलेश्वर पटेल (सिंहावल), सज्जन सिंह वर्मा (सोनकच्छ), जीतू पटवारी (राऊ), तरुण भनोट (जबलपुर पश्चिम), लखन घनघोरिया (जबलपुर पूर्व), जयवर्धन सिंह (राघोगढ़), सुखदेव पांसे (मुलताई), प्रियव्रत सिंह (खिलचीपुर), पीसी शर्मा (भोपाल दक्षिण-पश्चिम), ओंकार सिंह मरकाम (डिंडौरी), लाखन सिंह यादव (भितरवार), हुकुम सिंह कराडा (शाजापुर), सचिन यादव (कसरावद), हर्ष यादव (देवरी) शामिल हैं।

    37 विधायक जिन की स्थिति है साफ

    सतीश सिकरवार (ग्वालियर पूर्व), अजब सिंह कुशवाह (सुमावली), प्रवीण पाठक (ग्वालियर दक्षिण), सुरेश राजे (डबरा), घनश्याम सिंह (सेंवढ़ा), केपी सिंह (पिछोर), लक्ष्मण सिंह (चाचौड़ा), गोपाल सिंह चौहान (चंदेरी), विक्रम सिंह (राजनगर), आलोक चतुर्वेदी (छतरपुर), कल्पना वर्मा (रैंगांव), नीलांशु चतुर्वेदी (चित्रकूट), सुनील सराफ (कोतमा), विनय सक्सेना (जबलपुर उत्तर ), आरिफ मसूद (भोपाल मध्य), हिना कांवरे (लांजी), संजय शुक्ला (इंदोर -1), डाॅ. योगेंद्र सिंह (लखनादौन), संजय शर्मा (तेंदूखेड़ा), निलय डागा (बैतूल), शशांक भार्गव (विदिशा), विजय चौरे (सौंसर), कमलेश शाह (अमरवाड़ा), सुनील उइके (जुन्नारदेव), विपिन वानखेड़े (आगर), कुणाल चौधरी (कालापीपल), प्रताप ग्रेवाल (सरदारपुर), पांछीलाल मेड़ा (धरमपुरी), महेश परमार (तराना), रामलाल मालवीय (घटि्टया) और दिलीप गुर्जर (नागदा-खाचरोद), अजय टंडन (दमोह), राकेश मवई (मुरैना) और मेवाराम जाटव (गोहद), फुंदेलाल मार्कों (पुष्पराजगढ़), नारायण सिंह पट्टा (बिछिया) और शिवदयाल बागरी (गुन्नौर) शामिल हैं।

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