गुना/ ग्वालियर। लोकसभा चुनाव 2024 में यदि मध्य प्रदेश की बात करें तो गुना सीट की चर्चाएं हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। इसे सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट माना जाता है लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा प्रत्याशी केपी यादव ने करी से कष्ट दी थी। अब 2024 लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा की ओर से गुना सीट पर मैदान में है जिनका मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने काफी लंबे मंथन के बाद राव यादवेंद्र सिंह पर भरोसा जताया है। और उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया है
राव यादवेंद्र सिंह बीजेपी में ही मेंही थे, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनके स्वर्गीय पिता देशराज सिंह यादव बीजेपी के विधायक रह चुके हैं. अशोकनगर जिले में यादव के परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है। इस परिवार के 6 लोग राजनीति में सक्रिय हैं। यादवेंद्र सिंह खुद जिला पंचायत सदस्य हैं जबकि उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं। यादवेंद्र सिंह के पिता भी दो बार गुना लोकसभा सीट से सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।
आपको बता दें कि गुना शिवपुरी क्षेत्र में यादव वोटर का बहुत दवा है यही देखते हुए कांग्रेस किसी न किसी यादव प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रही थी। इस मंथन में अरुण यादव का नाम भी सामने आया था लेकिन अरुण यादव की इस संसदीय क्षेत्र में पकड़ नहीं थी देशराज यादव एक ऐसा परिवार है जो हमेशा से सिंधिया के खिलाफ मुखर रहा है। इसलिए कांग्रेस ने इस परिवार के राव यादवेंद्र सिंह को टिकट देकर सिंधिया को कड़ी चुनौती दी है। आपको बता दें कि केपी यादव जो वर्तमान में गुना से भाजपा से सांसद है जब वह 2019 लोकसभा चुनाव जीते थे तो उनकी जीत के पीछे भी यादव फैक्टर को एक बहुत बड़ा कारण माना जा रहा था। अब यदि कांग्रेस सही रणनीति से चुनाव लड़ती है तो लाभ यादवेंद्र सिंह एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के दांत खट्टे कर सकते हैं।