• आर्थिक संकट से उबरे छोटे लाल केसरी, स्वनिधि योजना बना सहारा

    प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शहरी क्षेत्रों के फुटपाथी दुकानदारों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है। इस योजना ने आरा शहर के महाजन टोली निवासी छोटे लाल केसरी के जीवन को बदल दिया है

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    आरा। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शहरी क्षेत्रों के फुटपाथी दुकानदारों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है। इस योजना ने आरा शहर के महाजन टोली निवासी छोटे लाल केसरी के जीवन को बदल दिया है।

    पहले पान की दुकान में हुए नुकसान के बाद, छोटे लाल ने इस योजना से लाभ उठाकर न केवल अपना व्यापार बढ़ाया, बल्कि अपनी दो बेटियों और एक बेटे को उच्च शिक्षा दिलवाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

    छोटे लाल केसरी ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2023 में पान की दुकान खोलने के बाद उन्हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा। इस कठिन समय में एक व्यक्ति ने उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में बताया। उन्होंने बिना किसी मुश्किल के नगर निगम में जाकर ऑनलाइन आवेदन किया, और जल्द ही उनके खाते में लोन की राशि आ गई। इसके बाद उन्होंने नाश्ते की दुकान खोली, जिससे उन्हें अच्छे मुनाफे की प्राप्ति हुई।

    समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पहले मुझे 10 हजार रुपए का लोन मिला। इसके बाद 20 हजार रुपए का लोन लिया और फिर तीसरी बार 50 हजार रुपए का लोन मिला। इन लोन की राशि से मैं नाश्ते की दुकान चला रहा हूं। मेरी दोनों बेटियां अब अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और बेटा भी स्कूल जा रहा है।

    छोटे लाल केसरी ने कहा कि इस लोन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त खर्च या रिश्वत का सामना नहीं किया। लोन का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ मिला। नगर निगम में फॉर्म भरने के बाद लोन की राशि बिना किसी रुकावट के मेरे खाते में आ गई। इस योजना ने मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार किया और अब मैं अपने परिवार को बेहतर जीवन दे पा रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना छोटे दुकानदारों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है। मुझे दिल से प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद करना है, जिन्होंने हमारे जैसे छोटे व्यापारियों के लिए ऐसी योजनाएं बनाई हैं।

    छोटे लाल केसरी के आगे कहा कि तीन बच्चों में से दो बेटियां, एक 10वीं और दूसरी 7वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं, जबकि उनका बेटा दूसरी कक्षा में पढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि योजना से मिली मदद के कारण अब उनकी बेटियों को उच्च शिक्षा देने का सपना सच हो रहा है।

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