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बिड़ला हॉस्पिटल ने की लापरवाही, उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित को 12.37 लाख देने का आदेश दिया
मशहूर बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल & रिसर्च और चैयरमेन बिड़ला जनसेवा ट्रस्ट को शिवपुरी उपभोक्ता फोरम ने दोषी मानते हुए 12.37 लाख रुपये शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया है।

ग्वालियर: शहर के सबसे प्रतिष्ठित बिड़ला अस्पताल को एक बड़ी चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में उपभोक्ता फोरम ने दोषी माना है। बिड़ला अस्पताल के नाम से मशहूर बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल & रिसर्च और चैयरमेन बिड़ला जनसेवा ट्रस्ट को शिवपुरी उपभोक्ता फोरम ने दोषी मानते हुए 12.37 लाख रुपये शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया है। यह राशि अस्पताल को एक माह के भीतर देनी होगी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन इस आदेश से संतुष्ट नहीं है और विधिक सहायता लेकर राज्य आयोग में अपील की बात कर रहा है।
चिकित्सकीय लापरवाही के विशेषज्ञ अधिवक्ता मनोज उपाध्याय ने देशबन्धु को बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते सरला तोमर को 19 से 29 अप्रैल 2021 तक बिड़ला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया था। यह अस्पताल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है फिर भी मरीज के परिजनों से ज्यादा पैसा लिया गया। जिस दिन सरला तोमर की मृत्यु हुई उस दिन भी 21 हजार के 16 इंजेक्शन लगाए गए। हमने 97 लाख की क्षतिपूर्ति की मांग की थी। लेकिन फ़ोरम ने न्यूनतम राशि 12.37 लाख देने का आदेश दिया। इसमें 50 हजार रुपये मानसिक परेशानी व 10हजार रुपये दावा व्यय भी शामिल है।
बिड़ला अस्पताल द्वारा की गई इस चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में मृतक सरला तोमर के पति अरुण सिंहः तोमर व पुत्र राघवेंद्र तोमर ने उपभोक्ता फोरम में दावा पेश किया था। अरुण तोमर स्वयं सेवानिवृत न्यायाधीश हैं। लेकिन उनको भी इस अस्पताल के विरुद्ध न्याय की लड़ाई लड़ना एक मुश्किल काम रहा। बिड़ला अस्पताल ट्रस्ट द्वारा संचालित होते हुए भी आप आदमी की पहुँच में नहीं है, यहां का महंगा इलाज पहले भी कई बार सुर्खियों में रहा है। कोरोना के समय ही क्षेत्रीय विधायक सतीश सिकरवार ने भी अस्पताल पहुंच ज़रूरत से ज्यादा महंगे इलाज पर नाराजगी जताई थी।
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