• सूत्र सेवा" बस योजना की हवा निकालते एमपी परिवहन विभाग के गड़बड़ झाला पर बड़ा खुलासा

    मध्य प्रदेश में सुशासन का यह आलम है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसकी खबर पहुंच जाए तो वह भी अपना माथा पकड़ ले

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus
    ग्वालियर: मध्य प्रदेश में सुशासन का यह आलम है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसकी खबर पहुंच जाए तो वह भी अपना माथा पकड़ ले। मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग ऐसे कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है जो देश में प्रदेश की किरकिरी करते हैं जिसमें आरटीओ बैरियर से हो रही अवैध वसूली तो कुख्यात है ही लेकिन अब एक ऐसा और मामला निकलकर आ रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी "सूत्र सेवा" बस सेवा का सत्यानाश करने में परिवहन विभाग ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

    यह है सूत्र सेवा योजना

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जून 2018 को मध्य प्रदेश सरकार की शहरी परिवहन योजना का उद्घाटन किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को "सूत्र सेवा: एमपी की अपनी बस" के नाम से जाना गया। यह बस सेवा राज्य के बीस चुनिंदा शहरों में संचालित होना थी। उस समय इसे शिवराज सिंह चौहान सरकार की एक किफायती बस सेवा बताया गया।
    Sutra Seva.jpg
     
    मध्य प्रदेश का शहरी विकास और आवास विभाग निजी भागीदारी के माध्यम से केंद्र की अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना के तहत इस किफायती बस सेवा को शहरों के अंदर और बाहर उपलब्ध कराने की यह योजना थी। प्रथम चरण में यह सेवा 20 शहरों (16 निगम और 4 नगरपालिकाओं) में परिचालित होना थी। और 23 जून 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नगर निगमों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं छिन्दवाड़ा) और 2 नगरपालिकाओं (गुना, भिंड) हेतु 127 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 

    भिंड सूत्र सेवा में हुआ यह गड़बड़ झाला

    मध्य प्रदेश बस आपरेटर यूनियन ने प्रेस वार्ता आयोजित कर परिवहन विभाग और सूत्र सेवा भिंड के संचालक धर्मेंद्र ट्रैवल्स के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। बस आपरेटर यूनियन के हरिशंकर पटेल ने बताया कि भिंड में भिंड सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड और सीएमओ नगर पालिका ने बस संचालन का कॉन्ट्रैक्ट धर्मेंद्र ट्रैवल्स को दिया था। इसमें नियमों को ताक पर रखकर किसी सांठगांठ के चलते परिवहन विभाग भिंड ने 2018 में खरीदी गई बस-4 बसों को भी 2020 में रजिस्ट्रेशन कर दिया। यहां एक और गड़बड़ झाला यह बताया गया की बस की बॉडी बनने से पहले ही परिवहन विभाग ने उनका रजिस्ट्रेशन भी कर दिया। धर्मेंद्र ट्रैवल्स को सूत्र सेवा के तहत भिंड से विभिन्न मार्गों पर कुल 37 बसें चलनी थी लेकिन परिवहन विभाग की मिलीभगत के चलते धर्मेंद्र ट्रैवल्स ने केवल 10 बेस चलाईं और वह भी केवल भिंड और ग्वालियर के रूट पर ही चलाईं। बस ऑपरेटरों ने इस गड़बड़ झाला और भिंड आरटीओ की शिकायत परिवहन आयुक्त से की थी जिसमें डिप्टी कमिश्नर एके सिंह को जांच करनी थी लेकिन उन्होंने भी गोलमोल जांच करते हुए यह सभी तथ्य छुपा कर धर्मेंद्र ट्रैवल्स को बचा लिया।

    भिंड सूत्र सेवा में हिस्सेदारी

    भिंड नगर पालिका में सूत्र सेवा बेसन के संचालन के लिए 22.07 करोड़ सिटी बस सेवा पर होने वाला प्रस्तावित खर्च था। 15.89 करोड़ बसों के लिए दिया जाने वाला फाइनेंसियल सपोर्ट था। 6.18 करोड़ अधोसंरचना के लिए प्रस्तावित बजट
    95 लाख पहली किस्त के रूप में मिली राशि
    2.16 करोड़ नपा को शासन से आवंटित बजट
    बसों की लागत का 40% 7 सालों में शासन ऑपरेटर्स को भुगतान करेंगा। इन शर्तों की मां ने तो सूत्र सेवा भिंड का संचालन सुचारु न होने से सरकार द्वारा खर्च करोड़ों रुपया भी पानी में बह गया। जनता को सस्ती बस सेवा उपलब्ध कराने की सरकार की इस योजना की मलाई न जाने कौन-कौन खा गया!

    अन्य शहरों में भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सूत्र सेवा

    आपको बता दें कि ग्वालियर शहर में भी स्मार्ट सिटी बस कॉरपोरेशन ने सूत्र सेवा बस चलाने का कॉन्ट्रैक्ट नीरज ट्रैवल्स को दिया था जिसके अंतर्गत शहरी सीमा के अंदर तो बस का संचालन कभी भी नियमित रूप से हो ही नहीं सका और वर्तमान की बात करें तो ग्वालियर शहर में भी सूत्र सेवा बस योजना गड़बड़ झाला की भेंट चढ़ चुकी है। जिस तरह से भिंड सूत्र सेवा का गड़बड़ झाला सामने निकल कर आया है जिसमें परिवहन विभाग ने तमाम लापरवाहियां भारती और लगातार उन पर पर्दा डालने का प्रयास किया इससे यह सवाल भी खड़ा होता है की अन्य नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में चलने वाली सूत्र सेवा परिवहन विभाग के कारनामों से कैसे बची होगी? वर्तमान मध्य प्रदेश सरकार और परिवहन विभाग को सूत्र सेवा बस योजना में चल रही गड़बड़ झाला को रोकने के लिए एक विशेष टीम का गठन करना चाहिए ताकि आने वाले समय में भिंड सूत्र सेवा जैसी खामियां करने की कोई हिम्मत ना करें।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें