• हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से,शिक्षामित्र की हृदयगति रुकने से मौत

    बहराइच ! उत्तर प्रदेश में समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्रों के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से शिक्षामित्रों में उबाल है। न्यायालय के आदेश की खबर पढ़ते समय चित्तौरा विकास खंड की एक शिक्षामित्र की हृदयगति रुकने से मौत हो गई।

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    बहराइच !  उत्तर प्रदेश में समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्रों के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से शिक्षामित्रों में उबाल है। न्यायालय के आदेश की खबर पढ़ते समय चित्तौरा विकास खंड की एक शिक्षामित्र की हृदयगति रुकने से मौत हो गई।
    इस मामले में समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्रों ने कलेक्ट्रेट में बैठक कर शिक्षामित्र की मौत के लिए न्यायालय के आदेश को जिम्मेदार ठहराया है। यह भी निर्णय लिया गया कि सोमवार को सभी शिक्षक और शिक्षामित्र सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस मौके पर शिक्षक व शिक्षामित्रों ने नारेबाजी करते हुए न्यायालय के आदेश को वापस लेने की मांग की।

    जिले के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्रों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से तगड़ा झटका लगा है। सोमवार सुबह विकास खंड चित्तौरा के जानीजोत गांव निवासी शिक्षामित्र पूनम देवी (30) पत्नी घनश्याम मौर्या न्यायालय के आदेश की खबर अखबार में पढ़ रही थीं, तभी उसके सीने में दर्द उठा। जब तक परिवार के लोग इलाज का इंतजाम करते, तब तक शिक्षामित्र ने दम तोड़ दिया। 

    इस घटना से गुस्साए समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्र दोपहर में कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर इकट्ठा हुए। अगुवाई शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय प्रवक्ता शिवश्याम मिश्र, समायोजित शिक्षक नेता बलराम बाजपेयी कर रहे थे। सभी ने शिक्षामित्र की मौत के लिए न्यायालय के आदेश को जिम्मेदार ठहराते हुए आदेश वापस लेने के लिए नारेबाजी की। इसके बाद कलेक्ट्रेट पर धरना देते हुए न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की गुहार लगाई। 

    प्रांतीय प्रवक्ता शिव श्याम मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसमें शिक्षामित्रों द्वारा प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्य को नकार दिया गया है। यह शिक्षामित्रों के साथ धोखा है।

    धरने के दौरान यह निर्णय लिया गया कि आज जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों के समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्र सामूहिक अवकाश पर रहकर न्यायालय के आदेश का विरोध करेंगे। इसके साथ ही एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ पहुंचकर बेसिक शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेगा। इसके बाद सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। 

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