• हिन्दी एक भाषा ही नहीं अस्तित्व की पहचान हैः मुख्य न्यायाधीश

    इलाहाबाद ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा.डी.वाई.चन्द्रचूड ने कहा है कि हिंदी राष्ट्रीयता, एकता एवं हमारे अस्तित्व की पहचान है।

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    इलाहाबाद !   इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा.डी.वाई.चन्द्रचूड ने कहा है कि हिंदी राष्ट्रीयता, एकता एवं हमारे अस्तित्व की पहचान है। 
    मुख्य न्यायाधीश ने यह उदगार बार एसोसिएशन द्वारा पुस्तकालय हाल में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिन्दी मातृभाषा ही नहीं यह मानवता का अहसास है। यह मानव जीवन की विषमताओं की याद दिलाती है। यह एक माध्यम न होकर उससे परे एक भाव है।
    मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जो हिंदी अच्छी बोलता है, वह अच्छी अंग्रेजी और उर्दू भी बोल सकता है। उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने पर बल दिया। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश चन्द्रचुड ने पूर्व न्यायमूर्ति सुधीर नारायण की सुर सरिता काव्य संग्रह का विमोचन किया साथ ही कई हिंदी सेवी अधिवक्ताओं को प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्रम भेंटकर अभिनंदन किया गया।
    इस मौके पर न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने अपनी काव्य रचना का मुख्य न्यायाधीश द्वारा बार एसोसिएशन हाल में विमोचन किये जाने से अभिभूत हो आभार व्यक्त किया तथा पुस्तक में उठाये गये भावों की व्याख्या की। समारोह में अधिवक्ताओं ने स्वरचित काव्य पाठ भी किया। 

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