देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में आगामी 07 अक्टूबर को होने वाले निवेशक सम्मेलन (इन्वेस्टर समिट) से ठीक दस दिन पहले हुई मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक में पूंजी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किये गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री अावास में कैबिनेट बैठक हुई। यह जानकारी संवाददाताओं को देते हुए शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के मार्ग परमिट दिए जाने में प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।
साथ ही, उत्तराखंड इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नियमावली 2018 को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत विनिर्माण प्रोत्साहन संरचना नीति में छूट दी जाएगी। इतना ही नहीं, ब्याज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, प्रतिपूर्ति इत्यादि पर छूट प्रदत्त की जायेगी। पहले एक लाख खरीदार को शत प्रतिशत मोटर वाहन शुल्क में छूट दी जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्रों की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राजकोषीय बजट एवं संसाधन निदेशालय में छह पद बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अब यहां कुल पदों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। कैबिनेट ने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ 2018 देने के लिये संशोधन नियमावली को भी मंजूरी दे दी है। यह लाभ निगम एवं स्वत शासी निकाय पर भी लागू होगा।कैबिनेट ने कौशल विकास प्रशिक्षण में 1000 प्रशिक्षणार्थियों का भुगतान सरकार द्वारा करने का भी फैसला किया है।
राज्य के पंतनगर काशीपुर क्षेत्र में 30 एकड़ भूमि पर एरोमा पार्क स्थापित किया जायेगा। इससे 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 500 करोड़ रुपये तक का निवेश होगा। यहां धूप, अगरबत्ती, सुगंध तेल इत्यादि का निर्माण किया जायेगा। जो इकाई प्रथम बार भूमि क्रय करेगी उसको शत-प्रतिशत स्टांप शुल्क में छूट प्रदान करने के अतिरिक्त, बैंक ऋण ब्याज में भी छूट के साथ, राज्य (स्टेट) जीएसटी में भी 5 साल की छूट देने का सरकार ने निणर्य किया है।
विश्व पर्यटन दिवस पर हुई इस बैठक में राज्य की पर्यटन नीति में भी संशोधन किया गया है। जिसमें 28 तरह के विषय शामिल किये गये हैं। होटल, मोटल, फ्लोटिंग रिजॉर्ट, योग, आयुर्वेद रिजॉर्ट, स्वास्थ्य रिजार्ट एवं अन्य क्षेत्र में छूट दी जायेगी। इसके साथ ही, सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी मोड पर देने का भी राज्य कैबिनेट ने निर्णय किया है।