• सपा अब बेनकाब होना शुरू हो गई

    लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि दरअसल, सपा सरकार यादव सिंह को बचाना चाहती थी। जांच में सपा और बसपा दोनों के बड़े नेताओं के कारनामे सामने आएंगे और इससे राजनीतिक जलजला भी आएगा, मगर कुछ और इंतजार करना होगा।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नोएडा प्राधिकरण में घोटाले को लेकर बहुचर्चित चीफ इंजीनियर यादव सिंह से शुक्रवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के भतीजे एवं राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के सांसद पुत्र अक्षय यादव के कारोबारी रिश्ते उजागर होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि सपा अब बेनकाब होना शुरू हो गई है।

    पार्टी का कहना है कि भाजपा ने पहले ही कहा था कि सीबीआई की जांच होने पर सपा और बसपा दोनों के नेताओं द्वारा यादव सिंह के साथ मिलकर किए गए घोटाले परत दर परत खुलेंगे।

    मेरठ में एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर बातचीत में कहा कि यादव सिंह से समाजवादी पार्टी के कारोबारी रिश्ते तो पहले ही सामने आने लगे थे, जब सरकार यादव सिंह मामले में एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी और मनोचा के घर पर ऑडी कार से 10 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।

    उन्होंने कहा कि दरअसल, सपा सरकार यादव सिंह को बचाना चाहती थी। जांच में सपा और बसपा दोनों के बड़े नेताओं के कारनामे सामने आएंगे और इससे राजनीतिक जलजला भी आएगा, मगर कुछ और इंतजार करना होगा।

    वाजपेयी ने कहा कि सपा और बसपा ने यादव सिंह के साथ मिलकर रोजगार का हब बनने वाली नोएडा अथॉरिटी को घोटालों का हब बना दिया। इसलिए वर्ष 2002 से 2014 तक अथॉरिटी में तैनात ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए।

    गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी सपा एवं पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार से नोएडा में इंजीनियर यादव सिंह के संबंधों का खुलासा हुआ है। तीन दिन से सीबीआई द्वारा की जा रही पूछताछ में मुलायम सिंह के भतीजे एवं सपा महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे व फिरोजाबाद से सांसद अक्षय यादव के यादव सिंह से कारोबारी रिश्तों की जानकारी मिली है।

    अक्षय यादव ने यादव सिंह के सहयोगी से एनएम बिल्डवेल नाम की कंपनी ली थी। अक्षय ने सितंबर 2013 में एनएम बिल्डवेल कंपनी के 9 हजार 995 शेयर यादव सिंह के सहयोगी राजेश मनोचा से 10 रुपये के भाव पर खरीदे थे। पांच शेयर अक्षय की पत्नी ऋचा के नाम स्थानांतरित हुए थे। उस समय इस कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 2050 रुपये होनी चाहिए थी।

    दूसरी ओर, सांसद अक्षय यादव ने इस खुलासे को लेकर कहा कि इस खरीद-फरोख्त का विवरण लोकसभा चुनाव में दाखिल सूचनाओं में दे दिया गया है।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें