• मोदी ने पूरी सत्ता का संचालन अपने हाथ में ले लिया है : कांग्रेस

    नयी दिल्ली ! कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरी सत्ता अपने हाथ में रखने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह हर मामले में मनमर्जी कर रहे हैं और जो भी फैसले लेते हैं, संबद्ध मंत्रालय के मंत्री को भी उसकी भनक नहीं लगने देते हैं।

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    नयी दिल्ली !   कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरी सत्ता अपने हाथ में रखने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह हर मामले में मनमर्जी कर रहे हैं और जो भी फैसले लेते हैं, संबद्ध मंत्रालय के मंत्री को भी उसकी भनक नहीं लगने देते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि श्री मोदी अपने पास किस तरह से सत्ता का केंद्रीकरण कर चुके हैं, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वह गृह सचिव को बदलते हैं और इसकी सूचना गृहमंत्री राजनाथ सिंह को तब मिलती, जब गृह जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के सचिव को हटाने संबंधी फाइल ऊपर से उनके पास आती है। यही स्थिति अन्य मंत्रालयों की भी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का सचिव बदला जाता है और संबद्ध मंत्री को इसकी खबर तक नहीं होती है। मंत्री को टीवी चैनलों और अखबारों में छपी खबरों से पता चलता है कि उसके विभाग का सचिव बदल दिया गया है। उनका कहना था कि पिछले दिनों 16 मंत्रालयों के सचिव बदले गए लेकिन मोदी मंत्रिमंडल के संबद्ध विभाग के मंत्रियों को इसकी सूचना संचार माध्यमों के जरिए मिली। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अधिकारियों के तबादलों की नीति में नियम और प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है जिसके कारण प्रशासनिक अधिकारियों में निराशा का माहौल है और इससे देश को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 माह में दो गृह सचिव बदले गए हैं। इसी तरह से विदेश सचिव सुजाता सिंह को हटाया गया है। यह सब काम नियम विरुद्ध हुए हैं।
    श्री आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री शुरू से ही मनमानी कर रहे हैं । सत्ता के केंद्रीकरण की नीति वह प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही अपना रहे हैं और उनका यह कदम देश के हित में नहीं है। यह पहली बार हो रहा है कि मंत्रालय का सचिव बदला जाता है और इस बारे में संबद्ध मत्रालय के मंत्री से विचार -विमर्श नहीं किया जाता है।
    उन्होंने कहा कि सरकार ने गृह सचिव और एक विदेश सचिव को समय से पहले हटाया गया है। उन्हें समय से पहले हटने के लिए मजबूर किया गया। निजी कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का कारण देना तो किसी वरिष्ठ अधिकारी की व्यवस्थागत मजबूरी होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह से वरिष्ठ अधिकारियों को हटाना उनका अपमान करना है और यह सरकार लगातार यही कर रही है।
    उन्होंने कहा कि प्रशासन के बेहतर संचालन के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की अवधि निश्चित कर दी थी लेकिन मोदी सरकार उसका पालन नहीं कर रही है और नियमों की अनदेखी करके मनमानी पर उतर आयी है।

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