• उम्मीद है, टोक्यो ओलंपिक भी हमारे लिए 1964 की तरह यादगार होगा : हरबिंदर

    मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली मौजूदा टीम भी अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों में इतिहास को दोहराएगी।

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    नई दिल्ली | टोक्यो में वर्ष 1964 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रह चुके हरबिंदर सिंह को उम्मीद है कि मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली मौजूदा टीम भी अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों में इतिहास को दोहराएगी। टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन इस साल 24 जुलाई से होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और जापान सरकार ने इसे अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया। ओलंपिक का आयोजन अब अगले साल 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होगा।

    भारतीय टीम ने 1964 में ही टोक्यो ओलंपिक खेलों में पाकिस्तान को 1-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था।

    हरबिंदर ने हॉकी इंडिया से कहा, "अब आधी सदी बाद जापान में फिर से ओलंपिक हो रहा है। मेरा भारतीय टीम के साथ स्वर्ण पदक जीतने का सपना वहीं पूरा हुआ था। हमारी टीम के पास उसी स्थान पर इतिहास को दोहराने का मौका है। वे 1964 की तरह इस ओलंपिक को यादगार बना सकते हैं।"

    भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपना पिछला स्वर्ण पदक 1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था। उसके बाद से टीम अब तक आठ ओलंपिक में भाग ले चुकी है, लेकिन वह पोडियम हासिल करने में विफल रही है।

    हरबिंदर ने कहा, "भारत को स्वर्ण पदक जीतते देखना हर हॉकी प्रशंसक का सपना है। हमारे पास ओलंपिक खेलों से पहले एक साल है और मैं सभी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं चाहता हूं कि वे देश के लिए खुशियां लाएं।"
     

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