• बिसात पर मेरी चाल सबसे अहम : विश्वनाथन आनंद

    मुंबई ! पूर्व विश्व चैम्पियन देश के स्टार शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने सोमवार को कहा कि उनके लिए खेल के दौरान चली गई चाल ही सर्वाधिक मायने रखती है। आनंद ने कहा, शतरंज में एक मूलभूत सिद्धांत होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सच्चाई क्या है, फर्क इससे पड़ता है कि आप खेल के दौरान क्या चाल चलते हैं।"

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    मुंबई !   पूर्व विश्व चैम्पियन देश के स्टार शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने सोमवार को कहा कि उनके लिए खेल के दौरान चली गई चाल ही सर्वाधिक मायने रखती है। आनंद ने कहा, "शतरंज में एक मूलभूत सिद्धांत होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सच्चाई क्या है, फर्क इससे पड़ता है कि आप खेल के दौरान क्या चाल चलते हैं।"
    उन्होंने कहा, "शतरंज में आप जो भी चाल चलते हैं, खेल के दौरान अगले दो घंटों में आपको उन्हीं चालों का लाभ न मिलता है। उससे पहले या बाद में आपने जो कुछ किया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।"
    आनंद ने आगे कहा, "चाल चलने के बाद आप कुछ भी सोचें उससे फर्क नहीं पड़ता। यह सबसे अहम बात है। कुछ समय तक खेलने के बाद आपको पता चल जाता है कि आप कहां मजबूत हैं और कहां नहीं। इससे जानने वाला आपसे अच्छा कोई और नहीं हो सकता।"
    45 वर्षीय ग्रैंडमास्टर आनंद ने कहा कि उनके खेल में टीमवर्क का काफी महत्व होता है।
    पद्मविभूषण से सम्मानित आनंद ने कहा, "एक टीम की सबसे महत्वपूर्ण कुशलता इस बात में है कि खिलाड़ी को कैसे सहज रखा जाए और उसे कैसे सहज माहौल बनाया जाए। मैं ऐसे लोगों के साथ काम करना पसंद करता हूं, जिसके साथ मैं सहज रह सकूं, ऐसा ही मैं अपनी टीम से अपेक्षा रखता हूं।"
    राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित आनंद का मानना है कि सबसे जरूरी बात है कि प्रशिक्षक और खिलाड़ी के बीच विश्वास का होना।

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