• दरिंदगी की शिकार चार वर्षीय मासमू बच्ची के मामलें में राजस्थान सरकार को नोटिस

    जयपुर ! राजस्थान उच्च न्यायालय ने सीकर जिले में दो युवकों की दरिंदगी की शिकार चार वर्षीय मासमू बच्ची के मामलें में असंवेदनशीलता एवं निष्क्रियता को लेकर आज राजस्थान के मुख्य सचिव , अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह , पुलिस मुख्यालय के महानिरीक्षक , समाज कल्याण के प्रधान सचिव और सीकर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किये।

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    जयपुर !   राजस्थान उच्च न्यायालय ने सीकर जिले में दो युवकों की दरिंदगी की शिकार चार वर्षीय मासमू बच्ची के मामलें में असंवेदनशीलता एवं निष्क्रियता को लेकर आज राजस्थान के मुख्य सचिव , अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह , पुलिस मुख्यालय के महानिरीक्षक , समाज कल्याण के प्रधान सचिव और सीकर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किये। 
    उच्च न्यायालय ने जयपुर बार एसोसिएशन के सचिव प्रहलाद शर्मा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किये। इस याचिका में कहा गया है कि बच्ची दस सितम्बर की रात से ही लापता थी और उसकी मां द्वारा पुलिस थाने में गुहार लगाये जाने के बावजूद संबंधित पुलिस अधिकारियों ने तत्काल कोई भी कदम नहीं उठाया। याचिका में कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों की असफलता के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिये जाने का आग्रह किया और बच्ची के परिजनों को उपयुक्त मुआवजा दिये जाने का आग्रह भी किया गया है।
    याचिकाकर्ता के वकील अनूपधंध ने मांग की कि बच्ची की मां की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये क्योंकि उसकी मां पूरी रात ही अपनी बच्ची को अकेली ढूंढती रही और बाद में इस बच्ची को मरणासन्न अवस्था में कूड़े ढेर से खोजा।
    याचिका में यह भी कहा गया है कि दुष्कर्म की शिकार इस चार वर्षीय बच्ची की इतनी गंभीर हालत होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने उसकी तत्काल सुध लेना उचित नहीं समझा जो चिकित्सकों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
    न्यायालय ने इन सभी प्रतिवादियों को 21 सितम्बर तक अपना जवाब देने काे कहा है।

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