• ओडिशा शिशु भवन में 5900 शिशुओं की मौत

    भुवनेश्वर ! सरदार वल्लभभाई पटेल परास्नातक बाल चिकित्सा संस्थान जैसे मरघट बन गया है, क्योंकि यहां पिछले पांच वर्षो में इलाज के दौरान 5,900 से अधिक शिशुओं की मौत हो चुकी है। कटक स्थित यह संस्थान शिशु भवन के नाम से भी लोकप्रिय है।

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    भुवनेश्वर !   सरदार वल्लभभाई पटेल परास्नातक बाल चिकित्सा संस्थान जैसे मरघट बन गया है, क्योंकि यहां पिछले पांच वर्षो में इलाज के दौरान 5,900 से अधिक शिशुओं की मौत हो चुकी है। 
    कटक स्थित यह संस्थान शिशु भवन के नाम से भी लोकप्रिय है।
    पिछले 10 दिनों के दौरान इस संस्थान में 45 शिशुओं की मौत हो चुकी है, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है, जबकि ओडिशा सरकार शिशु भवन में अनुभवी चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों को सेवा में लगाकर मौतों पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है।
    स्वास्थ्य विभाग की रपट के अनुसार, पिछले पांच वर्षो (2010-11 से 2014-15) में 3,869 शिशुओं की मौत ओपीडी में, जबकि 2,034 शिशुओं की मौत आईसीयू में हुई है।
    सरकारी आकड़ों में कहा गया है, "2010-11 में भर्ती किए गए 10,995 शिशुओं में से 488 की ओपीडी में मौत हो गई। इसी तरह आईसीयू में भर्ती किए गए 1,972 शिशुओं में से 412 की इलाज के दौरान आईसीयू में मौत हो गई।"
    रपट में कहा गया है कि वर्ष 2011-12 में लगभग 11,268 शिशु भर्ती किए गए थे, जिनमें से 527 की इलाज के दौरान मौत हो गई और आईसीयू में भर्ती कुल 1,982 शिशुओ में से 454 की इलाज के दौरान आईसीयू में मौत हो गई।
    इसी तरह 2012-13 में भर्ती लगभग 11,560 शिशुओं में से 837 की मौत हो गई, जबकि आईसीयू में भर्ती कुल 1,822 में शिशुओं में से 278 की मौत हो गई।
    वर्ष 2013-14 में लगभग 14,023 शिशु इनडोर भर्ती किए गए थे, जिनमें से 903 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि आईसीयू में भर्ती 2,016 शिशुओं में से 326 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
    रपट में कहा गया है कि वर्ष 2014-15 में कुल 17,899 शिशु इनडोर भर्ती किए गए थे, जिनमें से 1,114 की इलाज के दौरान मौत हो गई, और आईसीयू में भर्ती 2,183 शिशुओं में से 564 की मौत हो गई।
    पिछले तीन महीनों के दौरान ओपीडी और आईसीयू में कुल 407 शिशुओं की मौत हो चुकी है।
    इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ शिशु भवन का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
    प्रधान ने कहा, "यदि ओडिशा सरकार चाहेगी तो केंद्र सरकार शिशु भवन की अवसंरचना सुधारने के लिए सभी संभव मदद मुहैया कराएगी। अस्पताल की अवसंरचना विकसित करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की जाएगी।"

    ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री अतनु सब्यसाची नायक ने कहा कि राज्य सरकार अस्पताल में बेहतर सेवा सुनिश्चित कराने के लिए सभी कदम उठा रही है।

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