गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल के आठ साल पूरे होने पर गुरुवार को कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने गाजियाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और गौ माता को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के हालिया बयान पर तल्ख टिप्पणी की।
सुनील शर्मा ने कहा, "जिन लोगों को गौ माता से बदबू आती है, उनकी मंशा को समझना जरूरी है। देश-धर्म का नाता है, गाय हमारी माता है। गाय ने वर्षों तक इस मानव जाति का पालन किया है। वह उसे 'सांड' कहते हैं, जबकि हम उसे नंदी कहते हैं। इसे समझना होगा कि उनके विचारों की दिशा और मानसिकता क्या है।"
इसके अलावा, डिंपल यादव के बयान को लेकर भी सुनील शर्मा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो लोग राणा सांगा पर टिप्पणी करते हैं, उनकी मानसिकता और सच अब सबके सामने आ चुका है। विदेशी आक्रांताओं के सामने भी हमारे वीर योद्धा डटकर खड़े थे।
मंत्री ने कहा, "राणा सांगा ने बाबर को पराजित किया था, हालांकि वह जख्मी हो गए थे और फिर बाबर ने धोखे से उन्हें जहर देकर मरवा दिया। ऐसे महान सपूत और योद्धा को गद्दार कहने वाला कोई पागल या दिमाग से दिवालिया व्यक्ति ही हो सकता है। ऐसे लोगों को पागलखाने में भर्ती कर उनका इलाज कराया जाना चाहिए। मैंने पहले भी कहा था कि केवल पागल ही राणा सांगा को गद्दार कह सकता है।"
डिंपल यादव के घर पर किए गए हमले के मामले में उन्होंने कहा कि कानून अपना काम पूरी तरह से कर रहा है, और इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
सुनील शर्मा ने योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर "हिंदू सुरक्षित है, तो मुसलमान भी सुरक्षित है"। मंत्री ने कहा कि यह सच्चाई सामने दिखती है। जहां हिंदू भाव है, वहां मानव जाति सुरक्षित है, और जहां यह नहीं है, वहां मानवता खतरे में है। खानवा का युद्ध हो या सीरिया का हालिया संघर्ष, वहां हिंदू नहीं थे, फिर भी मुसलमान आपस में क्यों लड़ रहे थे? हिंदू 'वसुधैव कुटुम्बकम' की बात करता है। हिंदू चींटी को भोजन कराता है, नाग पंचमी पर सांप को दूध पिलाता है। विश्व में केवल हिंदू संस्कृति ही ऐसी है, जो मानवता का संदेश देती है। इसे हम मानव धर्म के रूप में अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध के प्रति योगी सरकार की नीति सख्त है। हम किसी भी भ्रष्टाचारी या अपराधी को माफ नहीं करते। इसका ताजा उदाहरण देखिए, आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को दो मिनट में सस्पेंड कर दिया गया। अगर हमें भ्रष्टाचार का कोई मामला मिलता है, तो उसकी जांच होगी।