नई दिल्ली। राज्य सभा में शुक्रवार को सत्ता पक्ष की ओर से पश्चिम बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्णय को सही ठहराने के उच्चतम न्यायलय के फैसले का मुद्दा जाने पर हंगामा हुआ।
सदन की आज की कार्यसूची में शामिल प्रतिवेदनों और रिपोर्टों को रखे जाने की प्रक्रिया सम्पन्न कराए जाने के तुरंत बाद सभापित जगदीप धनखड़ ने जैसे ही सदस्यों को आसन की अनुमति से मामले उठाने की कार्यवाही शुरू की, सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से शोर होने लगा।
सभापति ने सदन के नेता पीयूष गोयल और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें शोरगुल के कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर मामला क्या है? इस पर सत्तापक्ष के सदस्य कुछ शांत हुए और धनखड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी को बात रखने का मौका दिया।
डॉ बाजपेयी ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी को देखते हुए उसे रद्द करने के कोलकाता उच्च न्यायलय के निर्णय को बरकार रखने के उच्चतम न्यायालय के कल के निर्णय को एक बहुत गंभीर विषय बताया । इस बीच तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने डॉ बाजपेयी की बातों का विरोध करना शुरू कर दिया और सदन में शोर-शराबा बढ़ने लगा।