रांची। झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 40-45 किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध दशम जलप्रपात के लिए आज का दिन बहुत खास रहा, जब भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वहां पहुंचे। अपने दौरे के दौरान उन्होंने दुर्गम क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) से संवाद किया और चुनावी प्रक्रिया की बारीकियों पर चर्चा की।
इस अवसर पर उन्होंने मीडिया को भी संबोधित किया और झारखंड के मतदाताओं को "जोहार" कहकर चुनाव आयोग की ओर से अभिवादन किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत में चुनाव एक बेहद संगठित और सुनियोजित प्रक्रिया है, जिसमें लगभग 10.5 लाख बीएलओ, 50 लाख से अधिक पोलिंग अधिकारी, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, एजेंट और कई संस्थाएं एक साथ मिलकर काम करती हैं। उन्होंने बताया कि यह विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसे देखकर पूरी दुनिया आश्चर्यचकित होती है।
उन्होंने मतदाता सूची की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया और कहा कि बूथ लेवल अधिकारी और राजनीतिक दलों के एजेंट मिलकर मतदाता सूची के निर्माण में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी मतदाता को सूची में कोई त्रुटि लगती है, जैसे नाम छूट जाना, गलत नाम चढ़ जाना आदि, तो वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज की तारीख में झारखंड के किसी भी जिले में मतदाता सूची को लेकर कोई अपील लंबित नहीं है। न ही किसी निर्वाचन अधिकारी और न ही मुख्य चुनाव अधिकारी के पास कोई शिकायत आई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी राजनीतिक दल और मतदाता सूची से संतुष्ट हैं।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने जनता से अपील की कि वे “मतदान को राष्ट्र सेवा का पहला कदम मानें और 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी नागरिक सुनिश्चित करें कि उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ा हो।” उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।