• अमेरिकी दबाव के बीच ग्रीनलैंड में आजादी समर्थक पार्टी की जीत

    जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप किसी भी कीमत पर ग्रीनलैंड को हासिल करने की बात कह रहे हैं, तब वहां के चुनाव में एक ऐसी पार्टी की अप्रत्याशित जीत हुई है, जो आजादी की समर्थक है

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    जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप किसी भी कीमत पर ग्रीनलैंड को हासिल करने की बात कह रहे हैं, तब वहां के चुनाव में एक ऐसी पार्टी की अप्रत्याशित जीत हुई है, जो आजादी की समर्थक है.

    ग्रीनलैंड में हुए संसदीय चुनावों में दक्षिणपंथी झुकाव वाली डेमोक्राटिट पार्टी की अप्रत्याशित जीत से इस आर्कटिक द्वीप की राजनीतिक दिशा को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं. यह चुनाव ऐसे समय हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड को अपने नियंत्रण में लेने की बात खुलकर कह चुके हैं.

    चुनाव परिणामों के अनुसार, डेमोक्राटिट पार्टी को 29.9 फीसदी वोट मिले, जो 2021 में मिले 9.1 फीसदी से तीन गुना अधिक हैं. दूसरे नंबर पर रही नालेराक पार्टी को 24.5 फीसदी वोट मिले. नालेराक फौरन स्वतंत्रता का समर्थन करने पार्टी है, जबकि डेमोक्राटिट पार्टी धीमे लेकिन स्थिर बदलाव की वकालत करती है.

    स्वतंत्रता पर बढ़ती बहस

    ट्रंप के दावों के बाद ग्रीनलैंड को लेकर पूरे यूरोप में चिंता है. ग्रीनलैंड असल में डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है. वहां काफी समय से स्वतंत्रता के मुद्दे पर चर्चा हो रही है. हालांकि यह मुद्दा सीधे तौर पर चुनावी एजेंडे में शामिल नहीं था, लेकिन ट्रंप की दिलचस्पी के कारण यह मुख्य बहस का विषय बन गया.

    ग्रीनलैंड के 56 हजार नागरिकों के लिए यह चुनाव केवल स्वतंत्रता की बहस तक सीमित नहीं था, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत जैसे सामाजिक मुद्दे भी प्रमुख रहे. डेमोक्राटिट पार्टी के नेता येंस-फ्रेडरिक नीलसन ने जीत को "ग्रीनलैंड की राजनीति में ऐतिहासिक" बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी सभी दलों से बातचीत कर सरकार बनाने की कोशिश करेगी. नीलसन ने कहा, "हम कल स्वतंत्रता नहीं चाहते, बल्कि एक मजबूत आधार चाहते हैं."

    ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री मुटे एगोदे की इनुइट अटागाटिगीट पार्टी को चुनाव से पहले जीत का दावेदार माना जा रहा था. लेकिन उसे और उसकी सहयोगी सिउमुट पार्टी को मिलाकर 36 प्रतिशत वोट मिले, जो 2021 के 66.1 फीसदी से काफी कम है.

    अमेरिकी दबाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा

    ट्रंप ने कई बार कहा है कि ग्रीनलैंड अमेरिका की सुरक्षा के लिए "महत्वपूर्ण" है और वह इसे किसी भी तरह अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं. अमेरिकी दिलचस्पी के अलावा, आर्कटिक क्षेत्र में रूस और चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों ने भी इस द्वीप की रणनीतिक अहमियत को और बढ़ा दिया है.

    डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रोल्स लुंड पोल्सन ने चुनाव के बाद कहा कि "ग्रीनलैंड का भविष्य केवल ग्रीनलैंड की जनता और सरकार ही तय करेगी," लेकिन यह भी स्वीकार किया कि नए प्रशासन को ट्रंप के दबाव का सामना करना पड़ेगा.

    डेनमार्क अब भी खनिजों से भरपूर ग्रीनलैंड की विदेश नीति, रक्षा और आर्थिक मामलों को नियंत्रित करता है और हर साल करीब एक अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता देता है. 2009 में ग्रीनलैंड को स्वतंत्रता हासिल करने का कानूनी अधिकार मिला, लेकिन अब तक इसे हासिल करने से हिचकिचाहट रही है क्योंकि डेनमार्क की आर्थिक सहायता के बिना जीवन स्तर गिरने की आशंका है.

    ट्रंप ने शुरुआत में सैन्य शक्ति के जरिए ग्रीनलैंड पर नियंत्रण की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वह स्थानीय लोगों की इच्छा का सम्मान करेंगे और अगर वे अमेरिका का हिस्सा बनते हैं तो "अरबों डॉलर निवेश करने को तैयार" हैं.

    प्रधानमंत्री मूटे एगोदे ने ट्रंप के प्रस्ताव को "अपमानजनक" बताया और कहा कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है. उन्होंने व्यापक गठबंधन सरकार बनाने की बात कही ताकि बाहरी दबावों का सामना किया जा सके.

    बदलेगी दिशा?

    ग्रीनलैंड के अधिकांश लोग स्वतंत्रता चाहते हैं, लेकिन इसे पाने की समयसीमा पर मतभेद है. कुछ लोगों को डर है कि जल्दी स्वतंत्रता हासिल करने से स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सुविधाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. नूक शहर के निवासी टुटा लिंगे-लार्सेन ने कहा, "हम अमेरिका का हिस्सा नहीं बनना चाहते, खासकर स्वास्थ्य सेवाओं और ट्रंप के कारण."

    अब सवाल यह है कि डेमोक्राटिट पार्टी किसके साथ गठबंधन बनाकर सरकार बनाएगी और स्वतंत्रता की दिशा में कैसे आगे बढ़ेगी. नालेराक पार्टी डेनमार्क के साथ स्वतंत्रता समझौते पर जल्द से जल्द मतदान कराना चाहती है, जबकि डेमोक्राटिट अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के पक्ष में है. ग्रीनलैंड में ट्रंप की दिलचस्पी 2019 से रही है. ग्रीनलैंड का यह चुनाव केवल स्थानीय राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीति और आर्कटिक में बढ़ते प्रभावों के खेल का एक महत्वपूर्ण अध्याय भी है.

     

     

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