• सिर्फ मीडिया ही खतरे में नहीं, भारत में लोकतंत्र भी खतरे में : येचुरी

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर मंगलवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सिर्फ मीडिया ही खतरे में नहीं, बल्कि भारत में लोकतंत्र भी खतरे में है

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

    नई दिल्ली। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर मंगलवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सिर्फ मीडिया ही खतरे में नहीं, बल्कि भारत में लोकतंत्र भी खतरे में है। वरिष्ठ माकपा नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा, "सिर्फ मीडिया ही खतरे में नहीं है, विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 में से 142वें स्थान पर है। यहां लोकतंत्र ही नहीं, और भी बहुत कुछ के खतरे में है।"

    राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की स्थापना की वर्षगांठ पर हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्र पर हमला करते हुए वीडियो ट्वीट कर कहा, "जब सच बोलने की सजा होती है, तो यह साफ है कि झूठ सत्ता में है।"

    राहुल गांधी ने जो वीडियो साझा किया है, जिसमें त्रिपुरा समेत कई स्थानों पर पत्रकारों की गिरफ्तारी और उन पर हमलों और उससे जुड़ी खबरों का जिक्र किया गया है।

    गौरतलब है कि त्रिपुरा में हिंसा की हालिया घटनाओं को कवर करने वाली दो पत्रकारों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को भाजपा शासित सरकारों पर आरोप लगाया था कि ये पत्रकारिता की 'हत्या' करने में व्यस्त हैं। बाद में त्रिपुरा में इन दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

    वहीं गिरफ्तार की गई दोनों पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को त्रिपुरा की एक अदालत से जमानत दिए जाने के बाद त्रिपुरा के सूचना और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने सोमवार को दावा किया कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कथित घटनाओं को कवर करने ये दोनों दिल्ली से त्रिपुरा पहुंचीं। दोनों पत्रकार 'सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने' की कोशिश कर रही थीं।
     

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें