• मुंबई पुलिस के डीसीपी सुधाकर पठारे की सड़क दुर्घटना में मौत

    मुंबई पुलिस के पोर्ट जोन के डीसीपी और 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधाकर पठारे का तेलंगाना में एक सड़क दुर्घटना में शनिवार को निधन हो गया

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    नई दिल्ली। मुंबई पुलिस के पोर्ट जोन के डीसीपी और 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधाकर पठारे का तेलंगाना में एक सड़क दुर्घटना में शनिवार को निधन हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह तेलंगाना के श्रीशैलम तीर्थक्षेत्र से दर्शन करके लौट रहे थे। घटना नागरकुरनूल जिले के डोमलपेंटा गांव के पास श्रीशैलम-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के घाट रोड की है। हादसे में उनके साथ मौजूद एक रिश्तेदार की भी मौत हो गई।

    जानकारी के अनुसार, सुधाकर पठारे और उनके रिश्तेदार भागवत खोडके श्रीशैलम में दर्शन के बाद हैदराबाद लौट रहे थे। जब वे घाट क्षेत्र में पहुंचे, तो उनकी इनोवा कार और एक पिकेट डिपो की आरटीसी बस के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई। इस टक्कर के कारण दोनों वाहनों में सवार यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। सुधाकर पठारे को सिर में चोट आई, जबकि उनके रिश्तेदार भागवत को पैर में और कुछ अंदरूनी चोटें आईं। हादसे के बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही दोनों की मृत्यु हो गई। दोनों को कल्वाकुर्ती सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की।

    एसपी कर्नूल वैभव गायकवाड ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि नागरकुरनूल जिले के अमराबाद मंडल में नल्लामाला वन क्षेत्र के श्रीशैलम-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर डोमलपेंटा गांव के पास घाट रोड पर यह हादसा हुआ। दोपहर करीब 12 बजे इनोवा कार (टीएस09एपी डी1166) जिसमें सुधाकर पठारे और भागवत खोडके सवार थे, पिकेट डिपो की एक आरटीसी बस से टकरा गई। दोनों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। हादसे में सुधाकर पठारे को सिर में चोट लगी, जबकि भागवत खोडके को पैर में और कुछ अंदरूनी चोटें आईं।

    उन्होंने कहा कि दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए कल्वाकुर्ती सरकारी अस्पताल भेजा गया है। पुलिस दुर्घटना की जांच कर रही है। मुंबई पुलिस के माध्यम से परिवार को सूचित किया जा रहा है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को सौंपे जाएंगे।

    घटना की जानकारी मिलते ही मुंबई पुलिस ने डीसीपी सुधाकर पठारे की असमय मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुंबई पुलिस द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में इसे "भारी क्षति" बताया गया है। बयान में कहा गया है कि वह एक समर्पित और ईमानदार अधिकारी थे, जिन्होंने मुंबई पोर्ट जोन में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके अचानक चले जाने से हमारे विभाग में एक गहरी रिक्तता पैदा हो गई है। हम उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।

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