जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की ओर से वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने के कारण जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सोमवार को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित कर दी।
राथर ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आज सुबह 12 दिन बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेकां विधायक संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 पर चर्चा की मांग को लेकर खड़े हो गए।
सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी नारे लगाते हुए कहा कि अगर केंद्र द्वारा लाए गए जीएसटी कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में चर्चा की गई, तो मुस्लिम बहुल राज्य में वक्फ विधेयक पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती है।
सदन की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम 58 के उपनियम (7) का हवाला देते हुए राथर ने कहा कि मामला विचाराधीन हो गया है, क्योंकि इसे देश की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों और शेख खुर्शीद द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
जब नेकां विधायकों ने सदन में विरोध प्रदर्शन जारी रखा, कागज फाड़े, काले बिल्ले लहराए, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
बाद में जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नेकां विधायकों ने भाजपा विरोधी नारेबाजी के बीच विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
उन्होंने 'वक्फ बिल नामंजूर', 'काला कानून वापस लो', 'भाजपा हाय-हाय' के नारे लगाते हुए सदन के बीचोबीच आने की कोशिश की, लेकिन मार्शलों ने उन्हें आसन की ओर बढ़ने से रोक दिया।
इसके जवाब में भाजपा विधायकों ने भी 'नेकां-कांग्रेस हाय-हाय', 'देश विद्रोही एजेंडा नहीं चलेगा' के नारे लगाये।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी नेकां विधायकों को शांत करने का प्रयास किया और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने का निर्देश दिया। नेकां विधायक नजीर गुरेजी ने कहा कि हम केवल वक्फ विधेयक पर चर्चा चाहते हैं, जो हमारे धर्म पर हमला है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के हंगामा करने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी। चालू बजट सत्र के दौरान अध्यक्ष ने पहली बार सदन की कार्यवाही स्थगित की है।