• ओमान में ईरान-अमेरिका वार्ता : तेहरान ने कहा- समझौते तक पहुंचा सकता है बशर्ते...

    ईरान और अमेरिका शनिवार को ओमान में 'अप्रत्यक्ष उच्च स्तरीय वार्ता' कर रहे हैं

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

    मस्कट। ईरान और अमेरिका शनिवार को ओमान में 'अप्रत्यक्ष उच्च स्तरीय वार्ता' कर रहे हैं। तेहरान ने जोर देकर कहा है कि चर्चा केवल परमाणु मुद्दों पर होगी। ईरानी मीडिया ने शनिवार को बताया कि यह वार्ता ओमानी विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी की मध्यस्थता में होगी।

    ईरान की तस्नीम समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, "ईरान ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि वह इन वार्ताओं में धमकियों को स्वीकार नहीं करेगा।"

    ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ वार्ता एक समझौते तक पहुंच सकती है, बशर्ते कि वाशिंगटन 'आवश्यक और पर्याप्त' राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करे।

    अराघची मस्कट वार्ता में देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। मध्य पूर्व के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ अमेरिकी प्रतिनिधि होंगे।

    आईआरएनए समाचार एजेंसी ने शनिवार को अराघची के हवाले से कहा, "यदि दूसरा पक्ष समान स्तर के दृष्टिकोण के साथ वार्ता की मेज पर आता है, तो यह एक मौका होगा जो बातचीत के लिए एक मार्ग निर्धारित करेगा।"

    अराघची यह बात कहते रहे हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से 'शांतिपूर्ण और वैध' है। उनका यह भी कहना है कि ईरान अपनी परमाणु गतिविधियों के बारे में किसी भी मौजूदा अस्पष्टता को हल करने के लिए तैयार है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च के अंत में एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में धमकी दी कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने से इनकार करता है तो वह उस पर 'अभूतपूर्व सैन्य हमले' करेंगे।

    ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे औपचारिक रूप से ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है। जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौता या ईरान डील के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत प्रतिबंधों में राहत और अन्य प्रावधानों के बदले में ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर राजी हुआ था।

    इस समझौते को 14 जुलाई 2015 को वियना में ईरान, पी5+1 (संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका- प्लस जर्मनी) और यूरोपीय संघ के बीच अंतिम रूप दिया गया।

    अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया और 'अधिकतम दबाव' की नीति के तहत प्रतिबंध लगा दिए।

    जेसीपीओए को फिर से लागू करने के लिए बातचीत अप्रैल 2021 में ऑस्ट्रिया के वियना में शुरू हुई। हालांकि कोई विशेष सफलता नहीं हो पाई।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें