• म्यांमार के 'ऑनलाइन स्कैम सेंटरों' में फंसे भारतीय वतन लौटे

    म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर चल रहे ऑनलाइन स्कैम सेंटरों में दुनियाभर के हजारों लोगों को जबरन रखा गया है और उनसे साइबर फ्रॉड करवाया जाता है. वहां फंसे 540 भारतीयों को इस हफ्ते वतन वापस लाया गया

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    म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर चल रहे ऑनलाइन स्कैम सेंटरों में दुनियाभर के हजारों लोगों को जबरन रखा गया है और उनसे साइबर फ्रॉड करवाया जाता है. वहां फंसे 540 भारतीयों को इस हफ्ते वतन वापस लाया गया.

    बीते हफ्तों में म्यांमार-थाईलैंड सीमा के पास चल रहे ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से हजारों लोगों को आजाद कराया गया है. इनमें से ज्यादातर लोग अब भी सीमा पर फंसे हुए हैं और अपने देश वापस जाने के लिए उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं. मार्च के पहले हफ्ते में स्कैम सेंटरों से आजाद कराए जाने के बाद 540 भारतीय अपने देश में होंगे.

    सोमवार (10 मार्च) को थाईलैंड के रास्ते भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से 283 नागरिकों को वापस लाया गया. शेष 257 भारतीय मंगलवार (11 मार्च) को अपने देश में होंगे. भारतीय वायुसेना ने म्यांमार की सीमा से सटे थाई शहर-मे सोट- से इन भारतीयों को निकाला है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय अधिकारी सात बसें लेकर म्यांमार गए थे. भारतीय नागरिकों को इनमें बिठाकर सीमा पार करके थाईलैंड लाया गया.

    पढ़ें: म्यांमार में तख्तापलट के बाद नशीली वस्तुओं का केंद्र बनता पूर्वोत्तर भारत

    म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थिति

    बीते कुछ हफ्तों में इन ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से कम से कम 24 देशों के लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. सैन्य शासन वाले म्यांमार के इस हिस्से में कानून-व्यवस्था ढेर हो चुकी है. रिहा कराए गए लोगों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं. विदेशी दबाव के बाद म्यांमार प्रशासन ने अरबों डॉलर के इस अवैध आपराधिक 'उद्योग' पर कार्रवाई की है. संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एंड क्राइम्स ऑफिस का अनुमान है कि सिर्फ एशिया में ही साल 2023 में ऐसे 'स्कैमों' की वजह से लगभग 18 अरब डॉलर से लेकर 37 अरब डॉलर तक का संभावित नुकसान हुआ है.

    इन सेंटरों में हजारों कर्मचारी काम करते हैं जो निवेश की ऑनलाइन नकली योजनाओं या रोमांस स्कैमों के जरिए लोगों को ठगते हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि म्यांमार के इन स्कैम सेंटरों में लगभग 1,20,000 लोग ऐसे हो सकते हैं जो अपनी इच्छा के खिलाफ वहां काम करने को मजबूर हैं. दुनिया भर से आए इन लोगों का कहना है कि उन्हें अच्छी तनख्वाह का लालच देकर धोखे से यहां नौकरी दिलवाई गई.

    कई रिपोर्टों में इन लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार की जानकारी सामने आई है. इन सेंटरों से भागकर बचे या रेस्क्यू किए गए लोग बताते हैं कि अगर वे काम करने से इनकार करते थे तो उनसे बहुत मारपीट की जाती थी. पिछले महीने से शुरू हुई म्यांमार, थाईलैंड और चीनी प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के बाद से अब तक चीन के 2,000 से ज्यादा नागरिक बचाए गए हैं. रिहा हुए लोग कहते हैं कि वे 'आधुनिक गुलामी' का शिकार हुए हैं लेकिन चीन इन लोगों को संभावित अपराधी मानकर जांच कर रहा है.

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    भारत सरकार का बयान

    विदेश मंत्रालय ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा से वापस वतन लाए गए 283 भारतीयों पर बयान जारी किया है. प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि सरकार, म्यांमार समेत कई दक्षिण-एशियाई देशों में नकली जॉब ऑफर के झांसे में आकर, फंस चुके भारतीयों की वतन वापसी के लिए कोशिशें कर रही है.

    नागरिकों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए सरकार ने कहा है कि नौकरी का ऑफर मिलने पर वे विदेशी नियोक्ताओं के बारे में उस देश में मौजूद भारत के दूतावास से संपर्क कर जानकारी जरूर लें.

    गहराता मानवीय संकट और अधर में लटके हजारों लोग

    स्कैम सेंटरों में जबरन काम से आजाद हुए हजारों नौजवान अधर में लटके हुए हैं. वे अपने देश वापस लौटने की उम्मीद कर रहे हैं. प्रशासन की कार्रवाई शुरू होने के एक महीने बाद भी इन लोगों को म्यांमार में भीड़भाड़ वाले गंदे कैम्पों तथा पुराने स्कैम सेंटरों रखा गया है. कई जगह पर वे हथियारबंद गुटों की निगरानी में हैं.

    थाईलैंड सरकार रिहा किए गए लोगों को म्यांमार से अपने देश आने की इजाजत तब तक नहीं दे रही, जब तक इनके अपने देश इन्हें वापस ले जाने वाली फ्लाइटों का इंतजाम नहीं कर लेते.

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