• कैबिनेट ने जेएनपीए पोर्ट तक हाई-स्पीड लिंक के लिए 4,500 करोड़ रुपये के 6-लेन हाईवे को मंजूरी दी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6 लेन वाले ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6 लेन वाले ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

    इस प्रोजेक्ट का विकास बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) मोड में किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 4,500.62 करोड़ रुपये होगी।

    आधिकारिक बयान में कहा गया कि जेएनपीए पोर्ट में कंटेनर की वॉल्यूम में वृद्धि और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के डेवलपमेंट के साथ, इस क्षेत्र में नेशनल हाईवे संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता की पहचान की गई।

    वर्तमान में पलासपे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन, पनवेल जैसे शहरी क्षेत्रों में भारी भीड़भाड़ के कारण जेएनपीए पोर्ट से एनएच-48 और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) सेक्शन तक वाहनों को जाने में 2-3 घंटे लगते हैं, यहां प्रतिदिन लगभग 1.8 लाख पीसीयू यातायात होता है। 2025 में नवी मुंबई हवाई अड्डे के चालू होने के बाद, सीधी कनेक्टिविटी की आवश्यकता और भी बढ़ने की उम्मीद है।

    बयान में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट को क्षेत्र की कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पूरा करने और जेएनपीए पोर्ट और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए तैयार किया गया है।

    नेशनल हाईवे जेएनपीए पोर्ट (एनएच 348) (पगोटे गांव) से शुरू होता है और मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होता है। यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे (एनएच-66) को भी जोड़ता है।

    नए नेशनल हाईवे में सहयाद्री से होकर गुजरने वाली दो सुरंगें पहाड़ी इलाकों में वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही को आसान बनाएंगी, जिससे बड़े कंटेनर ट्रकों के लिए तेज गति से आवागमन सुनिश्चित होगा।

    नया 6-लेन का ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट कॉरिडोर जेएनपीए पोर्ट से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जिससे सुरक्षित और कुशल माल ढुलाई में मदद मिलेगी। यह प्रोजेक्ट मुंबई और पुणे के आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकास और समृद्धि के भी नए रास्ते खोलेगा।

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

अपनी राय दें