• अमित शाह 10 अप्रैल से चेन्नई के दो दिवसीय दौरे पर, भाजपा और आरएसएस नेताओं से करेंगे मुलाकात

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर 10 अप्रैल की शाम चेन्नई पहुंचेंगे। अपने दौरे के दौरान वह भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे

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    चेन्नई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर 10 अप्रैल की शाम चेन्नई पहुंचेंगे। अपने दौरे के दौरान वह भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे।

    तमिलनाडु भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, गृह मंत्री शाह 11 अप्रैल को आरएसएस के प्रमुख विचारक और तुगलक पत्रिका के संपादक एस. गुरुमूर्ति से मुलाकात करेंगे।

    हाल ही में नई दिल्ली में एआईएडीएमके महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) के साथ शाह की बैठक के मद्देनजर इस यात्रा पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

    ईपीएस ने एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों एसपी वेलुमणि और केपी मुनुसामी के साथ हाल ही में अमित शाह से मुलाकात की, जिससे एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन के संभावित पुनरुद्धार की अटकलें तेज हो गई हैं, जो सितंबर 2023 में टूट गया था।

    दोनों पार्टियों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए मुख्य रूप से तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई को जिम्मेदार ठहराया जाता है। सीएन अन्नादुरई (अन्ना) और डॉ. जे. जयललिता सहित प्रतिष्ठित द्रविड़ नेताओं के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों ने एआईएडीएमके नेतृत्व को नाराज कर दिया और अंततः गठबंधन टूटने का कारण बना।

    गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन से बीजेपी को लाभ हुआ और उसे चार सीटें हासिल हुईं।

    2011 से 2021 तक सत्ता पर काबिज रहने वाली एआईएडीएमके उस चुनाव में 66 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि, अन्नामलाई के राज्य भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद दोनों दलों के बीच रिश्ते खराब हो गए।

    इसका नतीजा 2024 के लोकसभा चुनावों में स्पष्ट हुआ, जहां भाजपा और अन्नाद्रमुक दोनों को भारी झटका लगा।

    सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु में आरएसएस के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को बताया है कि राज्य में राजनीतिक बढ़त के लिए द्रविड़ पार्टी के साथ गठबंधन करना जरूरी है।

    आरएसएस नेताओं ने कथित तौर पर इस बात पर जोर दिया है कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन का स्वरूप तय हो जाना चाहिए।

    एआईएडीएमके नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि ईपीएस ने अमित शाह से अन्नामलाई की जगह किसी और को राज्य भाजपा अध्यक्ष बनाने का अनुरोध किया था।

    अन्नामलाई ने बीते 4 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से कहा कि वह इस पद की दौड़ में नहीं हैं और एक वफादार कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।

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