'विगत दो माह में मोदी ने जिन मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन किया है, उनमें सबसे पहले तो विदेश नीति की ही बात करना होगी। ब्रिक्स सम्मेलन में श्री मोदी की भागीदारी सकारात्मक थी। भूटान, बंगलादेश, नेपाल के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश अधिक रही। फिलिस्तीन के मामले में सं रा. मानव अधिकार आयोग ने भारत में इजरायल के खिलाफ मतदान कर फिलिस्तीनी जनता के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की, किन्तु देश की संसद में भाजपा ने इसके ठीक विपरीत रवैया अपनाया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी। इस बारे में अभी तक सरकार की ओर से कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला है। फिर भी मोटे तौर पर हमें लग रहा है कि विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार तत्काल कोई फेरबदल नहीं करेगी और ऐसा न करना ही ठीक होगा।Ó
(देशबन्धु में 31 जुलाई 2014 को प्रकाशित)
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