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ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम पर काम करेंगे मेट्रो स्टेशन

अपने यात्रियों की सुविधा के लिए एनएमआरसी ऑटो मेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) सिस्टम पर काम करेगा

ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम पर काम करेंगे मेट्रो स्टेशन
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नोएडा। अपने यात्रियों की सुविधा के लिए एनएमआरसी ऑटो मेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) सिस्टम पर काम करेगा। इसके लिए एनएमआरसी के निदेशक के अध्यक्षता में एक डेलिगेशन डेनमार्क व इटली के दौरे पर गया है।

यहा एएफसी सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। इस सिस्टम को यहा के सभी मेट्रो स्टेशनों पर लगाया जाएगा। यहा एक कॉर्ड के लगाने पर आपके एकाउंट से सीधे टिकट का पैसा कट जाएगा। ऐसे में यात्रियों को मेट्रो टिकट काउंटर पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी।

दिसंबर 2018 नोएडा से ग्रेटर नोएडा मेट्रो का संचालन शुरू होने जा रहा है। इसके लिए ट्रायल किया जा रहा है। सितम्बर तक सुरक्षा मानकों की जांच का काम पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में स्टेशनों पर दो तरह से यात्री प्रवेश कर सकेंगे।

पहला टोकन के बजाए पर्ची के जरिए। दरअसल, पची सिस्टम में खर्चा कम होगा। बताते चले कि एक टोकन पर करीब आठ रुपए का खर्च आता है। दूसरा एएफसी यह सिस्टम वन सिटी वन टाइम कॉर्ड पर आधारित होगा। यह एक ऐसा होगा। जिसके जरिए लोग मेट्रो, एनएमआरसी की बसो के अलावा शहर के मॉल, व प्राधिकरण के बिल इत्यादि जमा कर सकेंगे। इस पर एनएमआरसी द्वारा हायर की गई कंपनी काम कर रही है। जल्द ही इस कॉर्ड को लांच किया जाएगा। इसे आसानी से मेट्रो स्टेशन, मॉल व बैंक से लिया जा सकेगा। इस कॉर्ड से अपका एकाउंट जुड़ा होगा।

या यू कहे कि इसे रिचार्ज कराना होगा। इस कॉर्ड का प्रयोग एएफसी के लिए किया जाएगा। बताते चले कि अभी इस तरह की सुविधा देश के बाहर डेनमार्क में चल रही है। लिहाजा सिस्टम में कहीं खामी न हो लिहाजा एनएमआरसी के निदेशक आलोक टंडन के साथ एनएमआरसी के उप महाप्रबंधक कनिष्ठ सिंह व डीएमआरसी के संजय कूपा चीफ इलेक्ट्रानिक इंजीनियर डेनमार्क व इटली के दौरे पर है।

वरिष्ठ प्रबंधक एनएमआरसी पीडी उपाध्याय ने बताया कि इस रूट पर प्रयोग किया जाने वाले सिग्नलिंग सिस्टम इटली का है। लिहाजा इटली के सिस्टम का अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा डेनमार्क में एएफसी सिस्टम है। यह सिस्टम अपने देश में कितना कारगर होगा इसकी पूरी जानकारी व प्रस्तुतीकरण भी वहीं से हासिल किया जा सकेगा।

बताते चले कि नोएडा से ग्रेटरनोएडा तक कुल 29.07 किलोमीटर लंबा रूट का काम पूरा किया जा चुका है। इसका भौतिक काम 100 प्रतिशत हो चुका है। वहीं, स्टेशनों की फिनिशिंग का काम किया जा रहा है। पहले चरण में 11 मेट्रो का संचालन इस रूट पर किया जाएगा। कुल 19 ट्रेनों का संचालन यहा किया जाएगा। सभी ट्रेने चीन से मंगवाई जा रही है। रूट पर 21 मेट्रो स्टेशन होंगे।


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