• जून माह में बीएसई सेंसेक्स बना 53 हजारी 

    भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं, पहला बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई, जिसका विवरण दिया जा चुका है

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    - डॉ. हनुमन्त यादव 

    भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं, पहला बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई, जिसका विवरण दिया जा चुका है। दूसरा बाजार है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एन.एस.ई. अर्थात राष्ट्रीय शेयर बाजार। राष्ट्रीय शेयर बाजार एन.एस.ई. की स्थापना 1992 में की गई थी। वर्तमान में इसमें लगभग 2000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। राष्ट्रीय शेयर बाजार भी प्रतिदिन शेयरों के सौदों की मात्रा एवं कीमतो का लेखा जोखा रखता है। 

    कोविड-19 के संक्रमण से बेअसर भारत के बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज में सूचीकृत चोटी की 30 शेयर पूंजी वाली कंपनियों का  भारित सूचकांक सेंसेक्स जून माह के प्रथम तीन कारोबारी सप्ताहों में 51,000 बिंदु से 52,700 बिंदु के बीच घूम रहा था। 22 जून को सेंसेक्स 52,809 ंिबंदु पर खुलने के बाद दोपहर को 53,000 बिंदु पार कर 53,057 बिंदु पर पहुंच गया। इस कीर्तिमान को कायम करने के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए भारी बिकवाली के कारण सेंसेक्स बाजार बंद होते समय 52,588 बिंदु पर उतर चुका था। 23 जून, 24 जून और 25 जून को सेंसेक्स 52,900 तक जाने पर भी दुबारा 53,000 पार कर नहीं पाया। 28 जून को सेंसेक्स यद्यपि 53,106 ंिबंदु पर खुला  किंतु शेयरों की मुनाफा बिकवाली के कारण  53,000 बिंदु से नीचे  52,735 बिंदु पर बंद हुआ। 29 जून को सेंसेक्स 59,816 तक गया।  30 जून को 59,876 बिंदु तक जाकर मुनाफा बिकवाली के कारण 52,482 पर बंद हुआ।

    बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से पंजीकृत एवं पहचान बनाने वाले मुंबई शेयर बाजार में वैसे तो लगभग 5000 कम्पनियां सूचीकृत हैं किन्तु उनमें से केवल 300 कम्पनियों के शेयरों में ही प्रतिदिन बड़ी मात्रा  में सौदे होते हैं जबकि 3000 कंपनियों के शेयरों के सप्ताह में एक बार सौदे होते हैं। शेयरों के कारोबार की मात्रा व सौदे की कीमत के आधार पर बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारित सूचकांक तैयार करता है। 1980 के दशक में केवल दो सूचकांक तैयार किए जाते थे, पहला, बड़ी मात्रा में प्रतिदिन कारोबार करने वाले 30 चोटी के शेयरों के उनके कारोबार के आधार शामिल सूचकांक को सेंसेक्स या बीएसई सेंसेक्स कहलाता था, दूसरा, 100 दैनिक कारोबार में अग्रणी 100 शेयरों का सूचकांक बीएसई 100 सूचकांक कहलाता था । आजकल दो दर्जन से अधिक सूचकांक तैयार किए जाते हैं, जिनमें बीएसई 2,00 इंडेक्स, मिडकैप इंडेक्स, स्माल कैप इंडेक्स, डॉलेक्स 30 तथा अलग-अलग वर्ग के उद्योगों के आधार पर सूचकांक जैसे कि बैंक एवं वित्तीय कंपनियां, सूचना प्रौद्योगिकी, इस्पात, सीमेंट, ऑटोमोबाइल, औषधि  आदि।  अब सेंसेक्स केवल 30 चोटी के शेयरों की हलचल इंगित करने वाला सूचकांक ही नहीं रह गया है बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था खासकर कारपोरेट अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा को दर्शाने वाला बैरोमीटर बन गया है। 

      1 सितम्बर, 2013 से प्रसिद्ध वित्तीय व साख निर्धारण संस्थान स्टेंडर्ड एंड पुअर के निर्देेशन में सेंसेक्स को तैयार किए जाने के कारण आजकल इस सूचकांक को  एस एण्ड पी सेंसेक्स भी कहा जाता है। बीएसई  सेंसेक्स में शामिल शेयरों की कम्पनियों को दस वर्गों में बांटा गया है, ये वर्ग हैं-  वित्तीय,  सूचना प्रौद्योगिकी, बाजार में तेज गति से बिकने वाले उपभोक्ता वस्तुएं, परिवहन, साज-सामान, तेल व प्राकृतिक गैस, पूंजीगत वस्तुएं, हेल्थ केयर, धातु व धातु पदार्थ, टेलीकॉम तथा ऊर्जा। सेंसेक्स भारित सूचकांक है, इसमें वित्तीय शेयरों को 32 प्रतिशत, सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों को 16 प्रतिशत,  परिवहन साज-सामान, को 11.5 प्रतिशत तथा  बाजार में तेज गति से बिकने वाले उपभोक्ता वस्तुओं के शेयरों को 11 प्रतिशत भार दिया गया है। इस प्रकार चार वस्तु समूह को 70.5 प्रतिशत भार दिया गया है। इसलिए इन चार वर्ग के शेयरों से सेंसेक्स की दशा व दिशा प्रभावित होती है।

    भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं, पहला बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज बीएसई, जिसका विवरण दिया जा चुका है। दूसरा बाजार है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एन.एस.ई. अर्थात राष्ट्रीय शेयर बाजार। राष्ट्रीय शेयर बाजार एन.एस.ई. की स्थापना 1992 में की गई थी। वर्तमान में इसमें लगभग 2000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। राष्ट्रीय शेयर बाजार भी प्रतिदिन शेयरों के सौदों की मात्रा एवं कीमतों का लेखा जोखा रखता है। बीएसई के  सेंसेक्स के 30 सूचीबद्ध शेयरों के समान एन.एस.ई. ने अपना मुख्य सूचकांक निफ्टी में 50 चोटी के शेयरों को शामिल किया है। वर्तमान में सेंसेक्स के समान ही एनएसई का निफ्टी भी लोकप्रिय हो गया है। समाचार माध्यम हर एक कार्य दिवस को सेंसेक्स के समान ही निफ्टी के सौदों का भी विवरण देते हैं। जून माह में निफ्टी 15,300 से 15,950 के बीच रहा। जून माह के चौथे सप्ताह में सेंसेक्स के समान निफ्टी में भी उछाल रहा। निफ्टी 22 जून को 15,772 बिंदु तक गया था। 22 जून से 30 जून के बीच 15,950 बिंदु तक उछाल लगाते हुए निफ्टी 30 जून को 15,808 पर बंद हुआ था। 

    1 जुलाई, 2021  को 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियां ये थीं- रिलायंस इंडस्ट्रीज 13.49 लाख करोड़ रुपए, टीसीएस 12.30 लाख करोड़ रुपए, एचएडएफसी बैंक 8.18 लाख करोड़ रुपए, हिन्दुस्तान यूनीलीवर 5.84 लाख करोड़ रुपए, इंफोसिस 6.67 लाख करोड़, रुपए, एचएडएफसी हाउसिंग फायनेंस 4.47 लाख करोड़ रुपए, स्टेट बैंक ऑफ  इंडिया 3.78 लाख करोड़ रुपए, कोटक महिन्द्रा 3.40 लाख करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक 4.43 लाख करोड़ रुपए, भारती एअरटेल 2.88 लाख करोड़ रुपए, और एचसीएल टेक 2.67 लाख करोड़ रुपए। पिछले दो दशक से बाजार पूंजीकरण में रिलायंस इंडस्ट्रीज चोटी पर जमी हुई है तथा दूसरे स्थान पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कायम है। जून माह के अंतिम सप्ताह में सेंसेक्स की चोटी की 10 कंपनियों में से 8 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में सामूहिक रूप से 65,178 करोड़ रुपए की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में टाटा कंसल्टेंसी टी.सी.एस. और  एचएडएफसी बैंक को हुआ। इस सप्ताह केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिन्दुस्तान यूनीलीवर के बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हुई।

    30 जून को बाम्बे शेयर बाजार में सूचीबद्ध 3055 कंपनियां के शेयरों में सौदे हुए थे। 1503 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई तथा 1455 शेयरों में गिरावट रही। 97 शेयरों के मूल्य में कोई बदलाव नहीं आया। मिडकैप शेयरों में कोई बदलाव नहीं आया जबकि स्मालकैप शेयरों में 0.5 प्रतिशत की गिरावट रही। वै्िरश्वक शेयर बाजारों का सकारात्मक रूख रहा। 28 जून को बंबई शेयर बाजार के कारोबार में सबसे अधिक एक प्रतिशत की तेजी मारूति में रही, इसके अलावा टाइटन, इंफोसिस, टाटा स्टील, महिन्द्रा, एशियन पेंटस और नेस्ले इंडिया में भी तेजी रही। दूसरी ओर पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसाइड बैंक और एचयूएल लाल निशान में थे। 

    सेंसेक्स के प्रबंधकों द्वारा 21 जून से सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनी  ओएनजीसी को उसके कारोबार में कमी आने के कारण सेंसेक्स से हटाकर उसके स्थान पर सेंसेक्स प्रारंभ होने के समय से ही उसका महत्वपूर्ण अंग बनी टाटा स्टील को सेंसेक्स में फिर से शामिल कर लिया गया है। बी.एस.ई. 100 और सेंसेक्स नेक्स्ट 50 में बॉश लिमिटेड, एल.आई.सी. हाउसिंग फायनेंस और टी.वी.एस. मोटर के स्थान पर ए.यू. स्माल फायनेंस बैंक, अडानी इंटरप्राइजेज और चोला मंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फायनेंस को शामिल किया गया है। बैंकिंग कंपनियों के सूचकांक बीएसई बैंक्स में आर.बी.एल. बैंक ए.यू. स्मॅाल बैंक को शामिल किया गया है।

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