• जानिए कैसे कार्य करता है पेरिस्कोप?

    पेरिस्कोप एक प्रकाशिक यंत्र है जिसकी सहायता से हम एक अपारदर्शी पिंड के आर-पार, ऊपर-नीचे या आस-पास के छिपे हुए भागों को देख सकते हैं

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    - राम शरण दास

    पेरिस्कोप एक प्रकाशिक यंत्र है जिसकी सहायता से हम एक अपारदर्शी पिंड के आर-पार, ऊपर-नीचे या आस-पास के छिपे हुए भागों को देख सकते हैं। पनडुब्बियों का तो यह एक अनिवार्य अंग है, क्योंकि इसकी सहायता से पानी के नीचे रहते हुए न केवल जल-पृष्ठ के ऊपर का दृश्य देखा जाता है, बल्कि जीपीएस आदि का उपयोग करके पनडुब्बियां अपनी अवस्थिति का पता भी लगाती हैं।

    पनडुब्ब्यिों में लगे पेरिस्कोप की संरचना तो बहुत जटिल है, किंतु उसका कार्य करने का सिद्धांत बहुत सरल है। और सिद्धांत यह है कि यदि समतल दर्पण पर कोई प्रकाश किरण 450 का कोण बनाती हुई आपतित होती है तो परावर्तित किरण आपतन दिशा से 900 का कोण बनाती है और इसलिए यदि दो समतल दर्पण चित्रानुसार व्यवस्थित किए जाएं तो । बिंदु पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब ठ बिंदु से और ठ बिंदु पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब । बिंदु से देखा जा सकता है। और इस प्रकार  आकृति की नलिका में 450 पर झुके दो समतल दर्पण चित्रानुसार एक दूसरे के समांतर लगाकर आप भी अपना सरल पेरिस्कोप बना सकते हैं। यहां दर्पण जितने अच्छे परावर्तक और समतल होंगे अंतिम प्रतिबिंब उतना ही अधिक स्पष्ट, चमकदार और बिंबानुरूप होगा। इसलिए दर्पणों के स्थान पर पूर्ण परावर्तक प्रिज्मों का उपयोग करने से बेहतर पेरिस्कोप बनेगा। यह चित्रा में दर्शाया गया है। अपने इस सरल पेरिस्कोप का उपयोग करके आप इसके बराबर ऊंचाई की दीवार के पीछे या इतने ही नीचे बने रोशनदान के अंदर का दृश्य देख सकते हैं।

    पेरिस्कोप के सिद्धांत का उपयोग करके नीचे चित्र में दर्शाया गए जादुई खिलौने की रचना की जा सकती है, जिसके बारे में प्रदर्शक यह दावा करता है कि उसका उपकरण प्रकाश को अपारदर्शी वस्तुओं के पार जाने की क्षमता प्रदान कर देता है। किंतु वास्तव में यहां 450 पर झुके समतल दर्पणों के द्वारा प्रकाश को चार बार लंबवत परावर्तित करके वस्तु । का प्रतिबिंब इसके स्थान पर बनता है। बिंदु । और ठ के बीच में दूरी जितनी अधिक होती है प्रतिबिंब उतना ही धुंधला हो जाता है। इसलिए उच्च गुणवत्ता के पेरिस्कोपों में अपरावर्तक पृष्ठों की लेंस प्रणाली उपयोग में लाई जाती है। फिर भी यह दूरी व्यवहारिक रूप में 20 मीटर से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती।

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