• खासमखास होंगे दिल्ली के खास धरोहर

    राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व कुतुब मीनार, लाल किला और हुमायुं का मकबरा कुछ खास नजर आएंगे। इन स्मारकों पर एएसआई द्वारा खास ध्यान दिया जा रहा है। ...

    नई दिल्ली !    राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व कुतुब मीनार, लाल किला और हुमायुं का मकबरा कुछ खास नजर आएंगे। इन स्मारकों पर एएसआई द्वारा खास ध्यान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के ये तीनों स्मारक वर्ल्ड हैरिटेज की सूची में शामिल हैं। शायद यही कारण है कि एएसआई इन तीनों स्मारकों की मरम्मत, साज-सज्जा, लाइटिंग और स्मारकों के भीतर की सुविधाओं पर अधिक ध्यान देने रही है। एएसआई का कहना है कि साज-सज्जा और सजावट के दौरान स्मारकों के स्वरूप व उनके पुराने मूल रूप में बरकरार रखने की कोशिश की जाएगी। स्मारकों की सजावट का यह काम आगामी दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के मद्देनजर किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रमंडल खेलों तक दिल्ली में 46 स्मारकों की मरम्मत, साज सज्जा व बाग बगीचों की सजावट एवं लाइटिंग का काम पूरा किया जाना है। एएसआई दिल्ली सर्कल के अधीक्षक पर्यवेक्षक केके मोहम्मद ने बताया कि दिल्ली के 46 स्मारकों को राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व तैयार किया जाना है, जिससे खेल दौरान दिल्ली आने वाले विदेशी मेहमानों को स्मारक सुंदर नजर आएं और यहां से लौटाने के बाद वह स्मारकों के बारे में एक सकारात्मक सोच लेकर जाएं। केके मोहम्मद ने बताया कि कुतुब मीनार, लाल किला और हुमायुं का मकबरा को तैयार करने पर अधिक ध्यान इसलिए दिया जा रहा है कि क्योंकि यह वर्ल्ड हैरिटेज की सूची में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन तीनों स्मारकों को तैयार करते समय यह ध्यान दिया जा रहा है कि इन स्मारकों को उनके पुराने और मूल रूप में बनाए रखा जाए। रिपोर्ट के मुताबिक इन स्मारकों की मरम्मत में काम आने वाली सामग्री वहीं इस्तेमाल की जा रही है जिस सामग्री का इस्तेमाल इनको बनाने में मूल रूप से किया जाता है। इन तीनों स्मारकों में नागरिक सुविधाएं बढाने पर भी बल दिया जा रहा है, जिनमें पीने के पानी की व्यवस्था, टायलेट और कैफेटेरिया आदि की व्यवस्था की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार इन तीनों स्मारकों में करीब तीस-तीस लाख रुपए की लागत से यह कार्य किया जा रहा है। सूचना के मुताबिक मरम्मत किए जा रहे सभी स्मारकों के बाहर कल्चरल नोटिस बोर्ड भी लगाया जा रहा है जिस पर स्मारक से जुडी तमाम जानकारियां दी जाएंगी और उस बोर्ड पर स्मारक का नक्शा भी बना होगा। केके मोहम्मद ने बताया कि दिल्ली के कुछ प्रमुख स्मारकों को रात में खोले जाने पर भी विचार चल रहा है, हालांकि अभी यह मामला विचाराधीन है। लेकिन यदि इस पर सहमति बनी तो कुछ स्मारकों को रात में देखने को आनंद भी पर्यटक ले सकेंगे।


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